विकाश कुमार/चित्रकूट : भारत देश में एक से बढ़कर एक धार्मिक जगह हैं और उन सभी का अपना अलग-अलग महत्व है. ऐसी ही एक धर्म नगरी है चित्रकूट. उत्तर प्रदेश का चित्रकूट जिला भगवान राम की तपोस्थली रहा है. प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के चौदह वर्ष में साढ़े ग्यारह वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे. इसी वजह से चित्रकूट का अपना अलग महत्व है. तो आज हम आपको इसी चित्रकूट से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं जो आप शायद आज तक नहीं जानते रहे होंगे. तो पहले शुरू करते हैं चित्रकूट के नाम से जुड़ी कहानी के बारे में कि आखिर इस धर्म नगरी का नाम चित्रकूट कैसे पड़ा.
दो शब्दों के मेल से बना है चित्रकूट
चित्रकूट दो शब्दों चित्र और कूट के मेल से बना है. संस्कृत में चित्र का अर्थ है अशोक और कूट का अर्थ है शिखर या चोटी. किसी समय चित्रकूट में बड़े पैमाने पर अशोक के वृक्ष और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और पर्वत होने के कारण इसका नाम चित्रकूट रख दिया गया. इसे सुख और शांति का क्षेत्र माना जाता है.
भगवान राम ने अपने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष यहीं बिताए थे. इसलिए इसे संतो की नगरी भी कहा जाता है. चित्रकूट संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है पर्वतीय दृष्यों का अनुपम केंद्र है.
इतिहास कार ने दी जानकारी
चित्रकूट के इतिहास कार शिव प्रेम का कहना है की अगर इसके धार्मिक महत्व की बात करें तो वह अनंत प्राचीन काल से रहा है, लेकिन उसका लौकिक महत्त्व हाल के वर्षों में बढ़ा है.
चित्रकूट की पर्वत श्रृंखलाएं विंध्य पर्वत से जुड़ी हैं. इनको तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं. पहली कामदगिरि पर्वत. इस पर्वत के परिक्रमा का अपना अलग महत्व है. इस पर्वत का परिक्रमा मार्ग लगभग 5 किलोमीटर का है और कई लोग मनोकामना पूरी होने पर लेटकर इस पर्वत की पूरी परिक्रमा करते हैं. दूसरा वाल्मीकि पहाड़ जो चित्रकूट के लालापुर में है जहां असावर माता का मंदिर है. तीसरा मड़फा पहाड़ जो मांडव ऋषि का पहाड़ है.
चित्रकूट के शाब्दिक अर्थ में जाएं तो चित्र का अर्थ होता है विभिन्न रंग युक्त और कूट का अर्थ होता है पर्वत शिखर. इनको मिलाकर देखें तो चित्रकूट का आशय है वह विभिन्न रंगों से युक्त सैलों वाला पर्वत शिखर. ये चीज चित्रकूट की पर्वत श्रृंखलाओं में देखी भी जा सकती है. अगर देखेंगे तो इस पहाड़ पर कहीं पर लाल बलुआ पत्थर तो कहीं पर ग्रेनाइड की चट्टानें हैं.
Tags: Chitrakoot News, Local18
FIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 18:23 IST