9.2 C
Munich
Tuesday, November 5, 2024

जैसे मस्जिदों के होते हैं… मंदिरों के लिए कानून लाएंगे चंद्रबाबू नायडू; जगन मोहन रेड्डी के धर्म पर उठाए सवाल

Must read


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने तिरुमाला की उनकी यात्रा में बाधा नहीं डाली। नायडू ने कहा, “वे झूठ फैला रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जगन को मंदिर की यात्रा रोकने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “क्या किसी ने आपको जाने से रोका? अगर आपके पास कोई नोटिस है तो उसे मीडिया को दिखाएं। आप झूठ क्यों फैला रहे हैं।” इसके अलावा, नायडू ने जगन से उनके धर्म को लेकर भी सवाल पूछा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से मस्जिदों के प्रमुख उसी धर्म के होते हैं वैसे ही हिंदू मंदिरों के प्रमुख भी हिंदू धर्म से होंगे और इसको लेकर कानून लाने की तैयारी है।

दरअसल आंध्र प्रदेश के विपक्षी दल युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुपति भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर का अपना निर्धारित दौरा रद्द कर दिया है। चर्चा का विषय बन चुके उनके इस दौरे की घोषणा उनकी पार्टी द्वारा आहूत राज्यव्यापी मंदिर प्रार्थना अनुष्ठान के तहत की गयी थी ताकि तिरुपति लड्डुओं के संबंध में आरोप लगाकर मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कथित रूप से जो ‘‘पाप’’ किया, उसका प्रायश्चित किया जा सके।

इस विवाद की जड़ में वह आरोप है जिसमें कहा गया है कि प्रसादम के तौर पर दिए जाने वाले लड्डुओं की तैयारी में कथित रूप से पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, रेड्डी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया कि वह और उनकी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) “हिंदू धर्म” का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा नायडू का समर्थन कर रही है, बजाय इसके कि उसे “गंदी राजनीति” करने से रोके।

दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जगन मोहन रेड्डी पर हमला बोलते हुए उन पर अपने धर्म का खुलासा न करने का आरोप लगाया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि जो भी व्यक्ति मंदिर जाना चाहता है, उसे वहां की परंपराओं और रीति-रिवाजों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी तिरुमला जाने से क्यों ‘बच’ रहे हैं, मैं इसकी वजह नहीं जानता।

अमरावती में नायडू ने कहा, “वह (जगन मोहन रेड्डी) तिरुमला जाकर भगवान बालाजी की पूजा करने से बचते हैं क्योंकि वह अपने धर्म-संबंधी घोषणा पत्र देने में रुचि नहीं रखते। मैंने कहा है कि हम एक ऐसा कानून लाएंगे जिसमें मंदिरों के प्रमुख उसी धर्म के होने चाहिए, जैसे चर्च और मस्जिदों के होते हैं। हमने कभी किसी दलित को मंदिरों में प्रवेश करने से नहीं रोका और न ही ऐसे बयान दिए। मुझे बहुत दुख है कि प्रसादम की तैयारी में 4 टैंकर मिलावटी घी का इस्तेमाल हुआ। टीटीडी में पहले कभी मिलावट परीक्षण नहीं हुए थे, लेकिन हमने विश्वस्तरीय परीक्षण उपकरण प्रयोगशालाओं की शुरुआत की है और देशभर के विशेषज्ञों से सलाह करेंगे। टीटीडी की पवित्रता हमारी प्राथमिकता है। मैं किसी को भी बख्शूंगा नहीं जो मंदिरों की परंपराओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा।”

जगन मोहन रेड्डी का यह दौरा आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों की इस मांग के बीच रद्द किया गया है कि उन्हें मंदिर में प्रवेश से पहले अपनी आस्था स्पष्ट करनी चाहिए। रेड्डी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में हर व्यक्ति उनका धर्म जानता है और वह मुख्यमंत्री बनने से पहले भी कई बार तिरुमाला मंदिर जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो वह घर के अंदर बाइबिल पढ़ते हैं लेकिन वह इस्लाम, हिंदुत्व एवं सिख धर्म का सम्मान करते हैं।



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article