बुलंदशहर: शास्त्रों में भगवान शिव पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है. सावन के पवित्र माह में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और इसी उद्देश्य से श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में आकर जल चढ़ाते हैं. बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील में स्थित पचगांई गांव में भगवान शिव का एक भव्य मंदिर है, जो अपनी अनोखी मान्यताओं और चमत्कारों के कारण विशेष रूप से प्रसिद्ध है.
पचगांई गांव का प्राचीन शिव मंदिर
पचगांई गांव में स्थित यह मंदिर लगभग 50 साल पुराना है और यहां भगवान शिव के साथ-साथ भगवान शनि देव और ब्रम बाबा की मूर्तियां भी स्थापित हैं. मंदिर में हर दिन दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जल चढ़ाने आते हैं. स्थानीय निवासी मोहित कुमार ने बताया कि मंदिर में एक अद्भुत घटना घटती है. यहां एक सांप आता है और शिवलिंग पर बैठ जाता है. लोगों का मानना है कि यह सांप भगवान शिव का ही एक रूप है और यह कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता.
श्रद्धालुओं की आस्था और चमत्कार
इस मंदिर के प्रति लोगों की अटूट आस्था है. कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु यहां आकर अपनी मनोकामना मांगते हैं, उनकी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. इसके बाद वे यहां हवन और पूजा का आयोजन करते हैं. पास के गांवों के लोग भी इस मंदिर को विशेष रूप से मान्यता देते हैं. जब कोई नया कार्य शुरू करना होता है या किसान की गाय-भैंस नई दूध देती है, तो वे यहां आकर भगवान के समक्ष माथा टेकते हैं और दूध चढ़ाते हैं.
हर दिन बदलता है सांप का रंग
इस मंदिर पर हर साल शिवरात्रि के अवसर पर एक विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. मेले में लोग पूजा के साथ-साथ घरेलू सामान भी खरीदते हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि विशेष रूप से सोमवार के दिन सांप के रंग बदल जाते हैं. लोगों का मानना है कि यह सांप भगवान शिव का अवतार है और इसके दर्शन मात्र से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कई चमत्कारी घटनाओं का साक्षी
यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि कई चमत्कारी घटनाओं का साक्षी भी है. लोगों का विश्वास है कि यहां आने वाले परेशान श्रद्धालुओं की सभी समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं. इसी वजह से इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है और उनके मन में भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था बनी रहती है.
Tags: Bulandshahr news, Dharma Aastha, Local18
FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 16:23 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.