नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर अपनी मां श्रीदेवी के काफी करीब रही हैं. वह हर साल मां के जन्मदिन पर तिरुपति मंदिर जाती हैं. जाह्नवी कपूर का कहना है कि मां के निधन के बाद जीवन को लेकर उनका नजरिया अचानक से बदल गया और इसके साथ ही वह पहले से ज्यादा धार्मिक और अंधविश्वासी हो गई हैं. जाह्नवी कपूर ने ये भी बताया कि तिरुपति मंदिर में उन्हें मन की शांति मिलती है.
The Lallantop के साथ इंटरव्यू के दौरान जाह्नवी कपूर ने बताया, ‘मां इन सब चीजों को बहुत मानती थी जैसे शुक्रवार को बाल नहीं काटना है क्योंकि देवी लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं करती है. शुक्रवार को काला नहीं पहनना चाहिए. मैंने ऐसे अंधविश्वासों पर कभी यकीन नहीं किया. लेकिन उनके गुजरने के बाद मैंने विश्वास करना शुरू कर दिया. शायद मैं ये सब ज्यादा मानने लगी हूं. मुझे नहीं पता कि जब मां हमारे साथ थीं तो क्या मैं इतनी ही धार्मिक और आध्यात्मिक थी. मां मानती थीं, तो हम भी मानते थे. लेकिन उनके निधन के बाद मुझे लगता है कि मैंने धर्म में और अधिक शरण लेना शुरू कर दिया.’
क्यों तिरुपति जाती हैं जाह्नवी कपूर?
इसके अलावा जाह्नवी कपूर ने बताया कि वह हर साल मां श्रीदेवी के जन्मदिन पर तिरुपति मंदिर क्यों जाती हैं. उन्होंने कहा, ‘तिरुपति से एक अलग जुड़ाव है. बचपन से मैं सुनती आई हूं कि मां का बालाजी के साथ एक अलग कलेक्शन रहा है. मां उनका नाम जपती थी नारायण नारायण नारायण. जब वो काम कर रही थीं, तो वह हर साल अपने बर्थडे पर तिरुपति की सीढ़ियां चढ़ती थीं लेकिन शादी के बाद उन्होंने तिरुपति जाना बंद कर दिया था.’