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Alia Bhatt Jigra: मनोज पहवा ने अपने करियर में कई बेहतरीन रोल निभाए, लेकिन बॉक्स-ऑफिस पर उन्हें खास सफलता नहीं मिली. ‘जिगरा’ के फ्लॉप होने से दुखी मनोज ने कहा कि शोबिज में सफलता की भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता है…और पढ़ें
‘जिगरा’ के फ्लॉप होने का मनोज पहवा को है दुख.
नई दिल्ली. दिग्गज एक्टर मनोज पहवा ने अपने करियर के दौरान कई बेहतरीन फिल्मों में शानदार रोल अदा कर दर्शकों के बीच पहचान बनाई. इनकी गिनती बॉलीवुड के सबसे मंझे हुए और उम्दा कलाकारों में होती है, लेकिन वो बॉक्स-ऑफिस पर कुछ खास सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं. पिछले साल वो नेटफ्लिक्स की थ्रिलर सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ और आलिया भट्ट के लीड वाली ड्रामा ‘जिगरा’ में अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से सुर्खियों में छाए हुए थे.
लंबे करियर के दौरान बॉक्स-ऑफिस पर कमर्शियल सक्सेस न मिलने के बारे में बात करते हुए मनोज पहवा ने कहा कि अब उन्हें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जिगरा के फ्लॉ़प होने से उन्हें वाकई दुख हुआ था. SCREEN के साथ एक बातचीत में, मनोज पाहवा ने शोबिज को एक ऐसा बिजनेस बताया जिसकी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता और कोई नहीं समझ सकता कि क्यों कभी-कभी शानदार प्रदर्शन भी फिल्म की सफलता की गारंटी नहीं देता है.
ठुकराई फिल्मों का आज भी है पछतावा
वो आगे कहते हैं, ‘सिर्फ इसलिए कि एक फिल्म में दमदार प्रदर्शन हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह व्यावसायिक रूप से सफल होगी’. बॉक्स ऑफिस नंबरों से इमोशनल तौर से अलग रहने की कोशिश के बावजूद वो पूरी तरह से इससे दूर नहीं हो पाए हैं. उन्हें ना चाहते हुए भी उन फिल्मों का पछतावा होता है जो उन्होंने ठुकराई है.


मनोज पहवा की फाइल फोटो
आगे बढ़ने की कर रहते हैं कोशिश
पिछले साल आई आलिया भट्ट स्टारर फिल्म जिगरा के बॉक्स-ऑफिस पर ध्वस्त होने के बारे में बात करते हुए एक्टर कहते हैं, ‘यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है. कई बार ऐसा हुआ है कि अद्भुत प्रदर्शन वाली फिल्में कभी रिलीज ही नहीं हुईं. वो रिलीज ही नहीं हो पातीं. मैं एक प्रोजेक्ट खत्म करने के बाद आगे बढ़ने की कोशिश करता हूं. चाहे वह अच्छा करे या नहीं—मैं उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता’.
उन्होंने शेयर किया कि उनके कुछ सबसे संतोषजनक प्रदर्शन अनदेखे रह गए. एक्टर के मुताबिक ऐसी कई फिल्में हैं जिनमें उन्होंने काफी अच्छा काम किया, लेकिन उनका काम लोगों तक नहीं पहुंच पाया. उन्हें इस बात का अफसोस है, लेकिन उन्हें पता है कि ये इस इंडस्ट्री में आम बात है.
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एक वजह से है मलाल
अपने काम के परिणाम की चिंता न करने वाले मनोज पहवा कहते हैं कि जब वो अपने करियर में पीछे मुड़कर देखते हैं, तो कभी-कभी मलाल होता है. वो बताते हैं, ‘ऐसे प्रोजेक्ट्स होते हैं जिन्हें आप विभिन्न कारणों से मना कर देते हैं. और जब वे अच्छा करते हैं, तो आपको पछतावा होता है. दूसरी ओर, आप ऐसी फिल्में भी लेते हैं जो आपकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरतीं. अफसोस होता है कि यार, ये तो इतना अच्छा नहीं बना’.