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Thursday, November 7, 2024

बरेली नगर निगम की विज्ञापन नियमावली में बदलाव, कभी भी रद्द हो सकते हैं प्राइवेट संस्थान से विज्ञापन टेंडर

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बरेली: विज्ञापन का उद्देश्य नई चीजों के बारे में जानकारी प्रदान करना है, लेकिन जब ये विज्ञापन गलत तरीके से उपयोग होने लगते हैं, तो आम जनता के लिए हानिकारक बन जाते हैं. हाल ही में बरेली में बढ़ते हादसों को देखते हुए, नगर निगम ने विज्ञापन नियमावली में बदलाव का निर्णय लिया है. शासन के अनु सचिव मोहम्मद वासिफ द्वारा जारी पत्र के अनुसार, नए नियमों को लागू किया जाएगा, जिससे सड़कों पर लगने वाले ऊंचे विज्ञापनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी.

तकनीकी टीमों का गठन
नगर निगम ने हर नगर निगम के लिए एक तकनीकी टीम गठित करने का प्रस्ताव रखा है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि विज्ञापनों से किसी प्रकार का खतरा न हो. इसके साथ ही, भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नामावली पर नगर निगम से सुझाव भी मांगे गए हैं. विज्ञापन प्रभारी राजवीर सिंह ने बताया कि शासन ने नए नियमों पर सुझाव और आपत्तियों को आमंत्रित किया है, जिसके बाद इन नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा.

नए नियमों की प्रस्तावित विशेषताएं
प्रस्तावित नियमों में ऊंचे गुब्बारों पर विज्ञापन लगाने वालों से टैक्स वसूलने का प्रावधान है, साथ ही तकनीकी अनुमति को अनिवार्य बनाने का सुझाव भी है. इसके अतिरिक्त, आवासीय कॉलोनियों, उपरगामी सेतु और मोबाइल टॉवर पर विज्ञापन लगाने के लिए नए नियम बन रहे हैं. यदि किसी यूनिपोल या ऊंचाई वाले होर्डिंग से कोई हादसा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी विज्ञापन एजेंसी की होगी.

हादसों पर मुआवजा
यदि किसी विज्ञापन एजेंसी से विज्ञापन का टेंडर तय होने के बाद कोई हादसा होता है, तो उस एजेंसी को मुआवजा देने की जिम्मेदारी होगी. हादसे में किसी की मौत या गंभीर चोट लगने पर एजेंसी को 50 लाख रुपये और मामूली चोट पर 20 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा. यह नियम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है.

दुष्प्रभाव डालने वाले विज्ञापनों पर रोक
नए नियमों में यह भी शामिल है कि जो एजेंसी विज्ञापन का टेंडर लेगी, उसे सुनिश्चित करना होगा कि वे समाज पर दुष्प्रभाव डालने वाले विज्ञापनों का प्रदर्शन न करें. जैसे नग्नता, जातीय भेदभाव, महिलाओं और बच्चों के शोषण, पशु क्रूरता, या किसी व्यक्ति या संस्था पर आक्षेप डालने वाले विज्ञापन आदि पर रोक लगाई जाएगी.

राजेश अग्रवाल का सुझाव
बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल ने लोकल 18 के साथ बातचीत में बताया कि शहर में विज्ञापनों की अधिकता से न केवल शहर की सुंदरता खराब होती है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा बनता है. उन्होंने सुझाव दिया कि विज्ञापनों के होर्डिंग्स के बीच उचित दूरी होनी चाहिए और सरकारी कार्यालयों के बाहर गैर-सरकारी विज्ञापनों को रोकना चाहिए.

Tags: Bareilly news, Local18



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