अयोध्या: तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं के घी में कथित तौर पर मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिले होने की बात सामने आई है. लड्डू पर विवाद के बाद देश भर के बड़े मंदिरों में बनने वाले प्रसाद की शुद्धता और पवित्रता पर सवाल उठ रहे हैं. अब पूरे देश के मठ-मंदिरों के प्रसाद का सैंपल लिया जा रहा है. इसी कड़ी में राम मंदिर में लगने वाले भोग और प्रसाद का भी सैंपल लिया गया. दरअसल तिरुपति मंदिर के प्रसाद में गोवंश की चर्बी मिलने के बाद मंदिरों में चढ़ने वाले प्रसाद को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं. एक दिन पहले अयोध्या के संतों ने बैठक कर अपील की है कि मंदिरों में बाजार से खरीदकर प्रसाद भगवान को अर्पित न किया जाए
गौरतलब है कि अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु राम को रबड़ी और पेड़ा का भोग लगाया जाता है तथा इलायची दाना प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. इन सभी चीजों का सैंपल लिया गया है. अब जांच रिपोर्ट आने के बाद इस बात की पुष्टि होगी की मंदिर के प्रसाद में कोई मिलावट है या नहीं. वैसे तो राम मंदिर में कोई भी भक्त प्रसाद नहीं चढ़ा सकता. बल्कि राम भक्तों को इलायची दानी का प्रसाद दिया जाता है. साथ ही राम मंदिर में जो भी पेड़ा अथवा रबड़ी का भोग लगाया जाता है उसको भी सेवादार और पुजारी द्वारा तैयार किया जाता है.
समय-समय पर होती है जांच
राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि रामलला को बाहर से कोई प्रसाद अर्पित नहीं किया जाता. श्रद्धालु मंदिर में खाली हाथ दर्शन करने जाते हैं. भक्तों को राममंदिर ट्रस्ट की ओर से इलायची दाना प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. छोटी इलायची और चीनी को मिलाकर इस प्रसाद को तैयार किया जाता है. यह प्रसाद साफ और स्वच्छ तरीके से बनाया जाता है. समय-समय पर प्रसाद की जांच होती है. राम मंदिर के प्रसाद की जांच भी करने के लिए टीम आई थी और सैंपल लेकर टीम चली गई है. यहां के प्रसाद और भोग में किसी भी बात की कोई कमी नहीं है.
FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 19:53 IST