नई दिल्ली. केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार साझेदारी कर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया है. दोनों ने पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन शनिवार को 172 रन की नाबाद साझेदारी की. यह 38 साल में पहला मौका है जब भारत के ओपनर्स ने ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट मैच में 170 रन से बड़ी साझेदारी की है. भारत ने केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की रिकॉर्ड साझेदारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया पर 218 रन की बढ़त बना ली है.
केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल के अलावा सिर्फ सुनील गावस्कर और के. श्रीकांत ही ऑस्ट्रेलिया में 170 रन से बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप कर सके हैं. सुनील गावस्कर और श्रीकांत ने 1986 में मेलबर्न टेस्ट में 191 रन की साझेदारी की थी. पूरी संभावना है कि केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल रविवार को गावस्कर और श्रीकांत का यह रिकॉर्ड भी तोड़ देंगे.
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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज का पहला टेस्ट पर्थ में खेला जा रहा है. भारतीय टीम मैच के पहले दिन शुक्रवार को 150 रन पर ढेर हो गई थी. दूसरे दिन भारत ने गजब की वापसी की. पहले भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 104 रन पर समेटा. इसके बाद मोर्चा संभाला यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने. इन दोनों ने पर्थ की उसी पिच पर रिकॉर्ड पार्टनरशिप की, जिसमें पहली पारी में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें ताश के पत्तों मानिंद बिखरीं.
द्रविड़-लक्ष्मण की याद दिलाई
यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में प्रॉपर टेस्ट मैच वाली पारी खेली. दोनों ने ऐसा धीरज दिखाया और गेंदों का सम्मान किया कि राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की 2001 की पार्टनरशिप याद आ गई. 23 साल पहले कोलकाता में जब भारतीय टीम फॉलोऑन खेलते हुए हार बचाने को संघर्ष कर रही थी, तब लक्ष्मण और द्रविड़ चौथे दिन आउट ही नहीं हुए. दोनों ने दिन भर बैटिंग की. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में भी भारत की पारी 150 रन पर सिमट गई थी. हर कोई भारतीय बैटर्स की तकनीक और धैर्य पर सवाल कर रहा था. तब यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने दो सेशन बिना विकेट गंवाए बिता दिए. ऑस्ट्रेलिया ने इन दोनों को आउट करने के लिए 7 गेंदबाज आजमाए लेकिन हर कोई निराश होकर लौटता रहा.
दोनों ओपनर के 50 से ज्यादा रन चौथी बार…
यह भारतीय क्रिकेट इतिहास में सिर्फ चौथा मौका है जब दोनों ओपनर्स ने ऑस्ट्रेलिया 50 रन से बड़ी पारी खेली है. इससे पहले तीनों मौके 1980 के दशक में आए और तीनों ही बार एक छोर पर सुनील गावस्कर थे. गावस्कर (70) ने पहली बार 1981 में चेतन चौहान (85) यह कमाल किया था. इसके बाद गावस्कर ने कृष्णमाचारी श्रीकांत के साथ दो बार यही कारनामा किया. गावस्कर (172) और श्रीकांत (116) ने 1986 में ओपन करते हुए शतकीय पारियां खेली थीं.
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FIRST PUBLISHED : November 23, 2024, 15:50 IST