हरभजन सिंह का जिक्र आते ही पगड़ी लगाए, गेंद घुमाते हुए वो क्रिकेटर याद आता है, जिसने मैदान में ऑस्ट्रेलिया के छक्के छुड़ा दिए. विश्वविजेता ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया की धरती पर हार का मजा चखाया. जिसकी गेंदों से दिग्गज बल्लेबाज भी कांपते थे. तभी तो उन्हें टर्बनेटर नाम मिला. 1998 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले भज्जी भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे बॉलर हैं. उनका नाम दुनिया के गिने चुने गेंदबाजों में लिया जाता है. आज हम आपको उनके करियर की कुछ मजेदार बातें बताने जा रहे हैं.
हरभजन सिंह का जन्म जुलाई 1980 को जालंधर में सरदार सरदेव सिंह और अवतार कौर के घर हुआ था. पांच बहनों के इकलौते भाई हरभजन एक समय अपने पिता के कारोबार बॉल बेयरिंग और वाल्ब फैक्ट्री के काम में शामिल होना चाहते थे, लेकिन पिता ने कहा, क्रिकेट पर फोकस करो. नतीजा आज सबके सामने है. 2000 में अपने पिता की मृत्यु के बाद, हरभजन परिवार के मुखिया बन गए और अपनी बहनों की शादी की जिम्मेदारी ली. बाद में अक्टूबर 2015 को जालंधर में अपनी लंबे समय से प्रेमिका और ब्रिटिश मूल की भारतीय अभिनेत्री गीता बसरा से शादी की. इनकी एक बेटी हिनाया हीर प्लाहा और एक बेटा जोवन वीर सिंह प्लाहा हैं.
हरभजन सिंह ने 15 साल की उम्र में पंजाब अंडर 16 क्रिकेट टीम से करियर की शुरुआत की. शानदार परफार्मेंस की वजह से उन्हें जोनल टीम में चुना गया. 15 साल 9 महीने की उम्र में उन्होंने अंडर 19 मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला. लगन और शानदार प्रदर्शन के दम पर 25 मार्च 1998 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया. उसी साल अप्रैल में उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में डेब्यू करने का मौका मिला. सबमें उनका प्रदर्शन धमाकेदार रहा. लेकिन अनिल कुंबले के होने की वजह से उन्हें 1.5 साल बाद ही टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया. जब वे चोटिल होते थे, तब भज्जी को मौका मिलता था. इससे एक बार तो वे बेहद निराश हो गए और क्रिकेट छोड़ने तक का मन बना लिया था.
जब किस्मत ने मारी पलटी
लेकिन कहते हैं न कि किस्मत एक मौका जरूर देती है. भज्जी को भी यह मौका मिला. बात 2001 की है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में टेस्ट सीरीज होनी थी. लेकिन अनिल कुंबले सीरीज से पहले चोटिल हो गए. यहीं से हरभजन की किस्मत ने पलटी मारी. सौरव गांगुली उन्हें टीम में ले आए. पहले ही टेस्ट में उन्होंने 4 विकेट लेकर धमाका कर दिया. दूसरे और तीसरे टेस्ट में तो ऑस्ट्रेलिया के बैट्समैन भज्जी की घूमती गेंदों के आगे नाचते नजर आए. भज्जी ने दूसरे टेस्ट में 13 और तीसरे टेस्ट में 15 विकेट झटककर टीम इंडिया में अपनी जगह फिक्स कर ली. कहते हैं कि यहीं से उन्हें टर्बनेटर के नाम से जाना जाने लगा.
शानदार करियर
भज्जी ने अपने टेस्ट करियर के 103 मैचों में 417 विकेट लिए हैं, जबकि वनडे करियर में उन्होंने 236 मैच खेलकर 269 विकेट चटकाए हैं. हरभजन 2011 वर्ल्ड कप और 2007 टी-20 वर्ल्ड कप विजेता टीम के भी सदस्य रहे. 2011 के विश्व कप में 9 विकेट हासिल किए थे और 2007 टी-20 विश्व कप में 7 विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई. बाद में वे क्रिकेट से राजनीति में आए. आम आदमी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया. वे आईपीएल मैचों में कमेंट्री करते नजर आते हैं. भज्जी ने IPL में भी 163 मैच खेले, जिसमें 150 विकेट लिए हैं. उन्होंने आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियंस के लिए क्रिकेट खेली.
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FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 08:34 IST