अलीगढ़: हाथरस सत्संग सभा के दौरान हुए हादसे में सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी परिजन अपने सगे संबंधियों को खोजने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पहुंच रहे हैं. तो कुछ लोग रात भर अपनों को ढूंढते रहे और इधर-उधर भागते रहे. इस हादसे को 20 घंटे से अधिक का समय हो गया है. अलीगढ़ के थाना जवा इलाके के सिकंदरपुर के रहने वाले टिंकू कुमार अपनी 70 साल की माँ सावित्री देवी को खोजने के लिए दर-दर भटक रहे थे . उन्हें हाथरस, एटा और अलीगढ़ में भटकने के बाद अपनी माँ की बॉडी हाथरस से मिली जो सत्संग सभा हादसे की भेंट चढ़ चुकी थी.
जानकारी देते हुए मृतिका के बेटे टिंकू कुमार ने कहा, ‘हम लोग सत्संग में दर्शन के लिए गए थे. वहां भीड़ बहुत ज्यादा थी. इसके बाद वहां धक्का मुक्की हुई और भगदड़ मच गई. स्थिति यह थी कि एक के ऊपर एक लोग चढ़े हुए थे. जिसमें बहुत से लोग मारे गए इसमें मेरी माँ सावित्री देवी भी थी. मेरे घर से सत्संग में जाने वाले में मेरा भाई मेरी मामी और नानी सहित 5 लोग थे’.
बाबा को दंड मिले…
टिंकू कुमार ने आगे कहा, ‘सत्संग के कार्यक्रम में एकदम जब भगदड़ मची तो वहां मेरी मम्मी नीचे गिर गई. दरअसल वहां गुरुजी आए हुए थे जिनके चरणों की धूल लेने के लिए लोग एकदम उमड़ पड़े और एक के ऊपर एक चढ़ गए. सत्संग में हमारी मम्मी ज्यादा जाया करती थी. पिछले करीब 10 साल से वह लगातार बाबा के सत्संग में जाती रही हैं. इतने बड़े हादसे के बाद मुझे लगता है कि बाबा को दंड मिलना चाहिए. हमें प्रशासन से यही उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई कर जो भी दोषी हैं उनको सजा दी जाए. भविष्य में मैं और मेरे परिवार से कभी भी कोई इस तरह के सत्संग में नहीं जाएगा’.
FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 14:30 IST