अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों में डर और चिंता बढ़ने लगी है. 22 अक्टूबर को डेंगू के पांच नए मामले सामने आए, जिससे जिले में कुल मरीजों की संख्या 78 हो गई है. साथ ही, बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं. डेंगू के मच्छरों को खत्म करने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है.
सरकारी अस्पतालों में बढ़ी भीड़
20 अक्टूबर की छुट्टी के बाद जब अस्पताल खुले, तो सरकारी अस्पतालों में बुखार के करीब 800 मरीज पहुंचे. इनमें से 20 मरीजों की डेंगू जांच कराई गई. 22 अक्टूबर को आलमबाग, नगला किला, बरला, और एएमयू के आरएम हॉल में डेंगू के मरीज मिले हैं. सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि जहां भी मरीज पाए गए हैं, वहां कीटनाशकों का छिड़काव और फॉगिंग कराई जा रही है.
बढ़ते बुखार के मामले
मलखान सिंह जिला अस्पताल और पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में सोमवार को करीब 800 बुखार के मरीजों ने इलाज के लिए दस्तक दी. सभी मरीजों की जांच के बाद उन्हें आवश्यक दवाएं दी गईं. बताया जा रहा है कि कई मरीजों को लंबे समय से बुखार था, और जब बुखार कम नहीं हुआ, तब डेंगू की जांच कराई गई. जांच में डेंगू की पुष्टि हुई.
फॉगिंग की कमी पर सवाल
डेंगू और बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन फॉगिंग की प्रक्रिया में लापरवाही देखने को मिल रही है. मोहल्लों में फॉगिंग का अभाव है, जबकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि फॉगिंग कराई जा रही है. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ ने भी स्वीकार किया है कि फॉगिंग उतनी प्रभावी नहीं हो रही है जितनी होनी चाहिए. विभागों को उन मोहल्लों और गांवों की सूची सौंपी जा चुकी है जहां डेंगू का लार्वा पाया गया है और मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई धीमी है.
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FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 16:43 IST