लखनऊः बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के बीच अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी से हटा दिया है. इस फैसले के चलते उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. हैरानी इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि मायावती ने खुद आकाश आनंद को राजनीति के गुर सिखाए, खुद आगे बढ़ाया. यहां तक पार्टी के बड़े नेता के तौर पर इस लोकसभा चुनाव में उन्हें सामने किया था. हालांकि इस फैसले के पीछे कई सारी अटकलें लगाई जा रही हैं. विपक्षी दल तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. लेकिन इस बीच लंदन रिटर्न आकाश आनंद ने कैसे राजनीति की कखग सीखी है. इसके बारे में हम आपको बताते हैं.
आकाश आनंद बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. आनंद खुद भी राजनीति में एक्टिव हैं. वे पार्टी के उपाध्यक्ष हैं. आकाश आनंद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से की और फिर लंदन चले गए. वहां पर उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की. इसके बाद साल 2017 में वे भारत लौट आए. आकाश साल 2017 में ही उस वक्त सुर्खियों में आए जब खुद मायावती ने सहारनपुर की चुनावी रैली में पार्टी कार्यकर्ताओं से आकाश को मिलवाया था.
उस वक्त मायावती ने आकाश का परिचय लंदन से एमबीए ग्रेजुएट के तौर पर कराया था और कार्यकर्ताओं को बताया था कि पार्टी मामलों में भी अब शामिल होंगे. इसके बाद आकाश ने धीरे-धीरे राजनीति में कदम बढ़ाया. साल 2019 में मायावती ने औपचारिक तौर पर आकाश आनंद को बसपा में शामिल करने का ऐलान किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद पार्टी के स्टार प्रचारकों में से एक थे. 2019 में जब सपा-बसपा का गठबंधन हो रहा था, तब आकाश आनंद मायावती के साथ सक्रिय थे. वहीं इस चुनाव में जब चुनाव आयोग ने 48 घंटों के लिए मायावती पर प्रचार करने से रोक दिया तो आकाश आनंद ने आगरा में पहली बार चुनावी रैली की थी.
हालांकि जब सपा-बसपा का गठबंधन टूटा को पार्टी में भी बड़ी फेरबगल हुई थी और इसी बीच जून के महीने में मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया था. आकाश को यूपी-उत्तराखंड के बाहर भी काम देखने की जिम्मेदारी मिल गई. पिछले साल आकाश आनंद की शादी हुई तो मायावती आशीर्वाद देने पहुंची थीं. बीते साल 10 दिसंबर को मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था.
FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 11:00 IST