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Saturday, July 27, 2024

दवाई से ज्यादा मशहूर इस डॉक्टर की सलाह, सैकड़ों परिवारों को टूटने से बचाया

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आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा के MBBS PGC जनरल फिजिशियन डॉक्टर अमित गौड़ लोगों के बीच इलाज से ज्यादा अपनी काउंसलिंग की वजह से चर्चाओं में रहते हैं. वह मरीज का इलाज तो करते ही हैं, साथ-साथ काउंसलिंग से अब तक सैकड़ों परिवारों को टूटने से बचा चुके हैं. डॉ अमित गौड़ आगरा पुलिस लाइन में चलाई जाने वाले परिवार परामर्श केंद्र के काउंसलिंग स्पेशलिस्ट हैं. उनके पास पति-पत्नी, सास-बहू के झगड़े ,छोटी-छोटी बातों पर रिश्तों टूटने बिखरने के केस आते हैं.

डॉ अमित गौड़ बताते हैं कि वह मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई बुलंदशहर से हुई है. उनके पिता एएन गौड़ पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत थे. उनके दादाजी भी पुलिस में थे और उनके बड़े भाई भी पुलिस में कार्यरत हैं. शुरुआत से घर में उन्होंने अपने दादा, पिता और भाई को पुलिस वर्दी में देखा, इसलिए उनका मन पुलिस में जाने का था. लेकिन जेनरेशन चेंज हुई और उन्होंने सोचा कि शायद वह पुलिस में रहकर इतने लोगों की सेवा न कर पाएं, जितनी वह डॉक्टर बनकर कर सकते हैं और यहीं से उन्होंने डॉक्टर बनने का निश्चय किया. साल 2003 में उन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. करीब दो दशक से वह लोगों का इलाज कर रहे हैं. साथ में काउंसिल भी करते हैं.

सैकड़ों परिवारों को टूटने से बचाया

डॉ अमित गौड़ आगरा पुलिस लाइन में चलाई जाने वाली परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर हैं. पति-पत्नी, सास-बहू के बीच लड़ाई के हर रोज दर्जनों केस उनके पास आते हैं. छोटी-छोटी बातों पर बहू ससुराल छोड़ देती हैं, तो कई केस में पति अपनी पत्नी को छोड़ देते हैं. डॉ गौड़ बताते हैं कि 2009-10 में आगरा में असीम अरुण एसएसपी थे. उन्होंने परिवार परामर्श केंद्र का गठन किया था और मुझे भी उस काम के लिए चुना. तब से वह काउंसलिंग कर रहे हैं. कई बार काउंसलिंग के दौरान अजीबोगरीब पति-पत्नी के झगड़े सामने केस आते हैं. हाल ही में कुछ ऐसे केस आए, जो बेहद अजीब थे. जैसे पत्नी को कुरकुरे पसंद थे, पति नहीं लाया तो झगड़ा हो गया. पत्नी को मोमो पसंद थे, पति नहीं लाया तो झगड़ा हो गया. कई बार होता है कि पति पत्नी को टीवी सीरियल नहीं देखने देता है, इस बात को लेकर पत्नी घर छोड़ देती है. सास बहू का मेकअप इस्तेमाल कर लेती थी, तो सास बहू में झगड़ा हो गया. ऐसे सभी केसों को हम काउंसलिंग द्वारा सुलझाते हैं. ऐसे रिश्तों को टाइम देते हैं और चार से पांच बार काउंसलिंग के लिए बुलाते हैं.

कोरोना काल में हुआ पत्नी का देहांत

डॉ अमित बताते हैं कि रिश्तों की अहमियत तब और समझ आई, जब 2021 में कोरोना के समय उनकी पत्नी राखी गौड़ का देहांत हो गया. पत्नी के गुजर जाने के बाद पत्नी की कमी बेहद खली और समझ में आया कि जीवन में पत्नी की कितनी अहमियत होती है. इसी वेदना को वह परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के दौरान पति पत्नियों को सुनाते हैं. उनकी लव मैरिज थी. अमित बताते हैं कि पति-पत्नी के बीच रिश्तों की अहमियत तब समझ आती है, जब हम उसे छोड़ दें या वह (पत्नी) हम से दूर चली जाती है.

लोगों को डॉक्टर अमित गौड़ की सलाह

डॉ अमित गौड़ बताते हैं कि लोगों में सहनशीलता नहीं बची है. छोटी-छोटी बातों को लेकर पति पत्नियों के झगड़े हो रहे हैं. खट्टी मीठी नोक-झोक विवाद में बदल जाती है और इसका नतीजा होता है कि लोग कोर्ट-कचहरी और थानों तक पहुंच जाते हैं .एक समय था जब परिवारों में सुबह लड़ाई होती थी और शाम को बात खत्म हो जाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है, इसीलिए किसी भी रिश्ते को जोड़ने में समय लगता है. एकदम से किसी भी रिश्ते को बदलने की कोशिश करेंगे तो रिश्ता टूट जाएगा.

Tags: Agra news, Local18, UP news



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