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Monday, February 10, 2025

बाप रे बाप…हरे पत्तों की खेती से इतनी तगड़ी कमाई, मालामाल बन गया किसान, 40 दिन में हो जाती है तैयार!  

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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Palak Ki Kheti: पालक की खेती कई किसान कर रहे हैं. मालामाल बनने के लिए किसान इस फसल को उगा सकते हैं. बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.

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पालक की खेती!

हाइलाइट्स

  • पालक की खेती से किसान को अच्छा मुनाफा होता है.
  • पालक की फसल 40-80 दिनों में तैयार हो जाती है.
  • पालक की कटाई के बाद सिंचाई जरूरी है.

Palak Ki Kheti: बहराइच जिले के रहने वाले किसान हाजी चौधरी बागबान बचपन से ही सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं. सब्जी की खेती में मुख्य रूप से वो पालक की खेती करते हैं.जिससे उनको अच्छा मुनाफा होता है. पालक की खेती  अलग-अलग मौसम में की जाती हैं. जिस खेती को कर बागबान ने अपने अपने सपनों को साकार किया है.

पालक की तैयारी लगभग 3 महीने में हो जाती है. पालक की कटाई का समय इस बात पर निर्भर करता है कि हम पालक ताजे बाजार के लिए उगा रहे हैं या बाजार के लिए.

पालक की खेती
बाजार के लिए उगाए जाने वाली पालक बीज लगाने के लगभग 38-55 दिनों में ही तैयार हो जाती है. एक बार में काट दिया जाता है तो पूरा पौधा नष्ट हो जाता है. इसके विपरीत प्रसंस्करण बाजार के लिए उगाये जाने वाले पालक के पत्तों को बीजारोपण के लगभग 60-80 दिनों में काटा जाता है. कई मामलों में पहली बार कटाई करने के बाद दोनों ताजा और प्रसंस्करण पौधों को दोबारा बढ़ने के लिए छोड़ दिया जाता है. ताकि किसान दूसरी बार फसल की कटाई कर सके.

होता है तगड़ा मुनाफा
इस तरह किसान 3 से 4 बार कटाई कर अधिक मुनाफा बड़े आराम से कमा सकते हैं.लगभग 25 दिनों के बाद जब पत्तियों की लंबाई 15 से 30 सेंटीमीटर तक हो जाए तो पहली कटाई कर देनी चाहिए. कटाई करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि पौधों की जड़ों से 5-6 सेंटीमीटर ऊपर तक हो.

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सिंचाई जरूर करें
कटाई के बाद फसल की सिंचाई जरूर करें. इससे पुनः तेजी से वृद्धि करते हैं. वैसे इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा समय दिसंबर होता है. उचित वातावरण में पालक की बुवाई वर्ष भर की जा सकती है.पालक की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बुवाई जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर में की जा सकती है, जिससे पालक की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है. बहराइच जिले के मोहल्ला नजीरपुरा में रहने वाले किसान हाजी बागबान चौधरी बचपन से लेकर अब तक पालक की खेती करते आ रहे हैं, जिस खेती से इनको बहुत अच्छा लाभ मिलता है.

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