-2.3 C
Munich
Sunday, January 12, 2025

ये छोटी सी गलती आपको बना देगी बांझ, रुक जाएगा पीरियड, इस रोग की चपेट में हर पांच में से एक महिला

Must read



गाजियाबाद. देश में कैंसर, हार्ट और पेट संबंधी बीमारियों के मरीजों के ग्राफ में हर साल इजाफा देखने को मिल रहा है. इन रोगों के बीच एक ऐसी बीमारी अब देश के अंदर तेजी से फैल रही है, जिसकी तरफ ध्यान कम है. ये बीमारी सीधा महिलाओं से जुड़ी है. पूरे परिवार की एक-एक जरूरतों के बारे में सबसे ज्यादा जानने वाली महिलाएं अपने इस रोग के बारे में बहुत कम जानती हैं.

हम बात कर रहे हैं पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज के बारे में. ये बीमारी भारतीय महिलाओं में बड़ी तेजी से पांव पसार रही है. बीते एक दशक में इससे जूझ रही महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ी है. 16 साल से 40 साल की महिलाएं भी इसका शिकार हैं.

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, भारत में हर पांच में से एक महिला इससे पीड़ित है. ये बीमारी बांझपन का कारण बन रही है. साइंस मैग्जीन लैंसेट की 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पीसीओडी का इलाज न होने से इससे पीड़ित 15 से 20 फीसदी महिलाओं को एंडोमेट्रियल कैंसर जकड़ रहा है. भारत में महिलाओं के बीच इस रोग की जागरूकता का अभाव भी इसके फैलाव का कारण है.

गायनेकोलॉजिस्ट नीलम बैनर्जी कहती हैं कि पीसीओडी डिजीज होने का कोई एक खास कारण नहीं है. बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल, मेंटल स्ट्रेस, खानपान की गलत आदतें, धूम्रपान और शराब का सेवन इस डिजीज के बड़े रिस्क फैक्टर हैं.

क्या होता है
पीसीओडी से ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट यानी की गांठ बनने लगती हैं. इन सिस्ट की वजह से गर्भधारण करना मुश्किल होता है. इस डिजीज के कारण महिलाओं में इंसुलिन रेजिस्टेंस भी होता है. इस वजह से उनकी सेल्स इंसुलिन का ठीक से यूज नहीं कर पाती हैं.

क्या है पहचान
इस रोग की पहचान हाई एंड्रोजन लेवल, समय पर पीरियड्स न आना और ओवरी में सिस्ट होना है. इनमें से कोई लक्षण दिखने पर पैल्विक जांच की जाती है. कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन और ट्राइग्लिसराइड के टेस्ट भी कराए जाते हैं. अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है, जिससे अंडाशय और गर्भाशय की जांच की जाती है.

क्या है इलाज
इस बीमारी को दवाओं और सर्जरी के माध्यम से ट्रीट किया जाता है. डॉ. नीलम सलाह देती हैं कि महिलाओं को लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए. खानपान का रूटीन तय करें. डाइट में हरे फल और सब्जियों का सेवन करें. खानपान में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं. वजन को मेंटेन रखें और योग करें.

Tags: Ghaziabad News, Local18



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article