अभिषेक जायसवाल / वाराणसी: महाराष्ट्र से लेकर काशी तक गणेश उत्सव को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. काशी में भी गणपति बप्पा के आगमन की तैयारियां जोरों पर हैं. वाराणसी के शारदा भवन में होने वाले गणेश उत्सव में भक्तों को सिद्धि विनायक के स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य मिलता है, जिसे वाराणसी के प्रसिद्ध मूर्तिकार बद्रीप्रसाद तैयार करते हैं.
बद्रीप्रसाद ने इस प्रतिमा को बनाने के लिए गंगा की शुद्ध मिट्टी का उपयोग किया है, जिसे वॉटर कलर से सजाया जाता है. बद्रीप्रसाद पिछले दो दशकों से अधिक समय से इस विशेष प्रतिमा को तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह प्रतिमा हूबहू महाराष्ट्र के सिद्धि विनायक का प्रतिरूप होती है, जिसका दर्शन काशी में गणेश उत्सव के दौरान होता है. हर साल वे सिद्धि विनायक की पांच प्रतिमाएं तैयार करते हैं, जिनकी लागत करीब 10,000 रुपये होती है.
10 दिन में तैयार होती है प्रतिमा
बद्रीप्रसाद ने बताया कि इस प्रतिमा को बनाने में लगभग 10 दिन का समय लगता है. इसे विभिन्न चरणों में तैयार किया जाता है, जिसमें पहले स्ट्रक्चर बनाना, फिर हाथ-पांव को गंगा की मिट्टी से तैयार करना और पूरी तरह सूखने के बाद उसकी पेंटिंग करना शामिल है.
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गणेश उत्सव का इतिहास
बता दें कि काशी में गणेश उत्सव का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. वाराणसी में गणेश उत्सव पर दो दर्जन से अधिक जगहों पर सार्वजनिक पूजा का आयोजन होता है.
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FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 15:57 IST