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दिल्ली की राजनीति में केजरीवाल के वजन को लेकर खींचतान मची हुई है। आप ने सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा था कि केजरीवाल का वजन जेल में रहते हुए साढ़े आठ किलो कम हो गया है। उन्हें जेल में ही मार देने की साजिश हो रही है। इस बात का जवाब देते हुए तिहाड़ प्रशासन ने कहा कि केजरीवाल जानबूझकर कम खाना खा रहे हैं, जिससे उनका वजन कम हो जाए और उनका वजन केवल 2 किलो ही कम हुआ है, उनको एम्स के एक मेडीकल बोर्ड की निगरानी में रखा गया है।अब इस पर भाजपा ने भी प्रेस कांन्फ्रेंस करके केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है।
आप का काम केवल प्रोपेगेंडा फैलाना- पूनावाला
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मीडिया से कहा कि आप का मतलब “और अधिक प्रोपेगेंडा” होता है। यह केवल और केवल प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। विक्टिम कार्ड खेलने की उनकी पुरानी आदत है। वे एक बार फिर से ‘नई बोतल में पुरानी वाइन’ बेचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन देश की जनता उनका यह खेल समझ चुकी है। वह इस बार इनके झूठ में नहीं फसेगी। केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के पहले भी यह कहकर प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की थी कि उनका शुगर लेवल लगातार बढ़ रहा है, बाद में पता चला की वह जानबूझकर मीठा खाना खा रहे थे। एम्स का मेडिकल बोर्ड लगातार उनकी निगरानी कर रहा है तो फिर इस प्रकार का प्रोपेगेंडा क्यों फैला रहे हैं।
आप की झूठ वाली राजनीति का नया अध्याय- पूनावाला
शहजाद ने कहा कि आम आदमी पार्टी लगातार झूठी खबरें फैला रही है। वह लगातार इस तरीके के फर्जी प्रोपेगेंडा फैलाकर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश करते हैं, जिससे जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाया जा सके। तिहाड़ जेल दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में ही आती है, तो क्या आप सरकार ही केजरीवाल की सेहत को खराब करने की कोशिश कर रही है? केजरीवाल और आप का झूठ से पुराना नाता रहा है। यह झूठे आरोप लगाते हैं और फिर यू टर्न ले लेते हैं। इन्होंने नितिन गड़करी, मजीठिया, अरूण जेटली जी के साथ भी यही किया और जब साबित करने की बात आई तो यू टर्न लेकर माफी मांग ली।
दरअसल, रविवार को दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल का वजन तिहाड़ जेल में लगातार कम हो रहा है, उनकी वजन सीढ़े आठ किलो कम हो चुका है, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सीएम का वजन लगातार कम हो रहा है और उनका शुगर लेवल लगातार कम हो रहा है, अगर सोते समय उनका शुगर लेवल गिरा तो वह कोमा में जा सकते हैं या उन्हें ब्रैन स्ट्रोक भी हो सकता है।
सिंह ने कहा कि किसी की मेडीकल रिपोर्ट को सार्वजनिक करना कानूनी रूप से गलत है, प्रशासन ने केजरीवाल की मेडिकल रिपोर्ट कई बार सार्वजनिक की है, जिससे किसी बड़ी साजिश का अंदाजा लगाया जा सकता है।