वाराणसी : नवग्रहों में शुक्र को वैभव, ऐश्वर्य, सौंदर्य और संगीत का कारक ग्रह माना जाता है. कुंडली में जब शुक्र मजबूत हो तो वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है. मांगलिक कार्यो के लिए शुक्र का उदय हुआ जरूरी माना जाता है. वैभव और ऐश्वर्य के ग्रह शुक्र अब 61 दिनों बाद फिर से उदय होने जा रहे हैं. इनके उदय होने के साथ ही फिर से शहनाई और ढ़ोल नगाड़ों की धुन गूंजने लगेगी.
वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 अप्रैल 2024 को शुक्र अस्त हुए थे. उसके बाद 6 मई को गुरु भी अस्त हो गए. इसके कारण मई और जून महीने में शादी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा था . लेकिन अब 29 जून को शुक्र फिर उदय हो रहे हैं . ऐसे में जुलाई से फिर शादी विवाह का धूम धड़ाका दिखने लगेगा और हर तरफ शहनाई की गूंज भी बजने लगेगी.
जुलाई में विवाह के सिर्फ 6 मुहूर्त
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि जुलाई के महीने में 7, 9,11,12,13 और 15 तारीख को विवाह का लग्न है. उसके बाद देवशयनी एकादशी है. देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं जिसके कारण मांगलिक कार्य रूक जाते है.उ सके बाद जब देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जगते हैं तो मांगलिक कार्य शुरू होते हैं. इसलिए 15 जुलाई के बाद फिर नवंबर और दिसंबर के महीने में विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
नवंबर और दिसंबर में विवाह का शुभ मुहूर्त
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि पंचांग के अनुसार, नवंबरमहीने की 17, 18, 22, 23, 24, 25 और 26 तारीख को विवाह का मुहूर्त है. उसके बाद दिसम्बर महीने में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 13 और 14 तारीख को विवाह का लग्न है. पिछले साल की अपेक्षा देखा जाए तो इस साल अलग अलग कारणों के चलते विवाह के मुहूर्त 35 दिन कम है.
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 13:45 IST
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