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Thursday, December 26, 2024

UNSC में मिल रही थी भारत को स्थायी जगह, लेकिन नेहरू बोले- चीन को पहले दो; जयशंकर का दावा

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अक्सर नेहरू की विदेश नीति की आलोचना करती रही है। खासकर चीन के साथ भारत के संबंध को लेकर नेहरू पर हमलावर रही है। बीते मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा और दावा किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और चीन के द्वारा भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर कब्जे जैसी समस्याओं के लिए अतीत की गलतियां जिम्मेदार हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता की पेशकश किये जाने के समय के इसके रुख का जिक्र करते हुए जयशंकर ने दावा किया कि एक समय था जब देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था, ‘‘भारत बाद में और चीन पहले।’’

यहां गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को संबोधित करते हुए जयशंकर इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत को पीओके और चीन द्वारा कब्जाए गए भारतीय क्षेत्रों की स्थिति के साथ सामंजस्य बिठाना चाहिए या इन्हें वापस पाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेता कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को सौंपे जाने के मुद्दे पर नेहरू और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साध रहे हैं।

जयशंकर ने कहा, ‘‘1950 में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने नेहरू को चीन के प्रति आगाह किया था। पटेल ने नेहरू से कहा था कि आज पहली बार हम दो मोर्चों (पाकिस्तान और चीन) पर ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं जिसका सामना भारत ने पहले कभी नहीं किया था। पटेल ने नेहरू से यह भी कहा था कि वह चीन की बातों पर विश्वास नहीं करते क्योंकि उनके इरादे कुछ और ही प्रतीत होते हैं और हमें सावधानी बरतनी चाहिए।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘नेहरू ने पटेल को उत्तर दिया था कि आप अनावश्यक रूप से चीन पर संदेह करते हैं। नेहरू ने यह भी कहा था कि हिमालय से हम पर हमला करना किसी के लिए भी असंभव है। नेहरू इसे (चीनी खतरे को) पूरी तरह से खारिज कर रहे थे।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के विषय पर बहस हुई और हमें इसकी पेशकश की जा रही थी, तब नेहरू का रुख यह था कि हम इसके हकदार हैं लेकिन पहले चीन को यह मिलना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अभी भारत प्रथम की नीति पर चल रहे हैं, लेकिन एक समय था जब नेहरू कहते थे कि भारत बाद में, चीन पहले।’’

जयशंकर ने कहा कि पटेल कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने के पक्ष में नहीं थे क्योंकि वह वहां के एक न्यायाधीश की सोच को जानते थे।



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