भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां जब्त किए जाने का मुद्दा कतर के समक्ष उठाया है और इस मामले को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने कतर के अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए गुरु ग्रंथ साहिब और सिख समुदाय द्वारा उन्हें वापस करने की मांग के बारे में खबरें देखी हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने कतर के समक्ष पहले ही इस मामले को उठाया है और दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने वहां सिख समुदाय को घटनाक्रम से अवगत कराया है। इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए जायसवाल ने कहा, ‘‘कतर के अधिकारियों ने दो व्यक्तियों/समूहों से गुरु ग्रंथ साहिब के दो स्वरूप जब्त किए थे, जिन पर कतर सरकार की मंजूरी के बिना धार्मिक प्रतिष्ठान चलाने का आरोप लगाया गया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दूतावास ने स्थानीय कानूनों और नियमों के दायरे में हरसंभव सहायता प्रदान की है।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘पवित्र ग्रंथ के एक स्वरूप को कतर के अधिकारियों ने वापस कर दिया और यह आश्वासन दिया गया कि दूसरे स्वरूप को भी सम्मान के साथ रखा जाएगा। हम मुद्दे के शीघ्र समाधान की आशा करते हैं।’’ इससे पहले पूर्व केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और बठिंडा से वर्तमान सांसद हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर कतर में पुलिस हिरासत से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दो स्वरूपों की रिहाई का मुद्दा उठाने का अनुरोध किया है।
बादल ने एक्स पर लिखा, “उन्हें बताया गया कि कतर की सिख संगत इस बात से स्तब्ध और व्यथित है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, जिन्हें समुदाय जीवित गुरु मानता है, उनको केस प्रॉपर्टी बना दिया गया है। उनसे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए हमने अनुरोध किया कि वे कतर के सिखों को अपने गुरुद्वारे स्थापित करने की अनुमति देने का मुद्दा उठाएं ताकि वे अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन कर सकें।”