21.8 C
Munich
Sunday, August 25, 2024

1 रुपये में लोगों को हवाई सफर कराते थे गोपीनाथ, जिन पर बनी फिल्म सिरफिरा

Must read


Real Life Story of Captain Gopinath: ‘मुझे विश्वास है कि मैं उड़ सकता हूं, मुझे विश्वास है कि मैं आकाश छू सकता हूं.’ यह एक ऐसा गीत है जो कैप्टन गोरूर रामास्वामी अयंगर गोपीनाथ की जिंदगी पर एकदम सटीक बैठता है. कैप्टन गोपीनाथ वो शख्स हैं, जिन्होंने सपने देखने और भारतीयों को सस्ती हवाई यात्रा कराने का साहस किया. भारत में कम लागत वाली एयरलाइन के जनक माने जाने वाले कैप्टन गोपीनाथ वास्तव में एक ‘सिरफिरा’ थे. जिन्होंने न केवल सभी के लिए किफायती एयरलाइन का सपना देखा, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि हजारों यात्रियों के लिए केवल एक रुपये में टिकट उपलब्ध हो. अक्षय कुमार की फिल्म ‘सिरफिरा’ कैप्टन गोपीनाथ की ही कहानी है. उनकी कहानी पर 2020 में तमिल में बनी फिल्म सोरारई पोटरू को विभिन्न कैटेगरी में सात राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले थे. 

कौन हैं कैप्टन गोपीनाथ?
डेक्कन एयर लाइंस के संस्थापक कैप्टन गोपीनाथ एक गांव के गरीब लड़के थे. उनका जन्म 1951 में कर्नाटक के हासन जिले में एक शिक्षक के परिवार में हुआ था. उन्होंने आठ साल सेना में भी बिताए और 1971-72 में मुक्ति संग्राम भी लड़ा. ऐसे समय में जब हवाई यात्रा करना एक विलासिता थी,  कैप्टन गोपीनाथ की कम लागत वाली एयरलाइन ने भारत में विमानन उद्योग में क्रांति ला दी. आगे चलकर उनकी एयरलाइन देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई. 

ये भी पढ़ें- कौन हैं 16 साल के लैमिन यामल, जिनके शानदार गोल ने मचाया तहलका, सब बता रहे जीनियस

सेना में बिताए आठ साल
उनकी शुरुआती शिक्षा उनके पिता ने घऱ पर ही कराई थी.उन्होंने पांचवीं कक्षा में कन्नड मीडियम स्कूल में एडमिशन लिया था. 1962 में गोपीनाथ जब 11 साल के थे उन्होंने एंट्रेंस एक्जाम पास कर बिजपुर सैनिक स्कूल में दाखिला ले लिया. स्कूल की पढ़ाई और ट्रेनिंग ने गोपीनाथ को एनडीए एक्जाम पास करने में मदद की. तीन साल भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में बिताने के बाद गोपीनाथ अफसर बन गए. गोपीनाथ ने 1971-1972 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लिया. उन्होंने सेना में आठ साल बिताए और 28 साल की उम्र में कैप्टन के पद से रिटायरमेंट ले लिया. क्योंकि उन्हें लगा कि वह सेना में बंधे हुए हैं और वह कुछ अलग करना चाहते थे.

दूध बेचा, मुर्गी पाली…
जैसा कि कैप्टन गोपीनाथ ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘सिंपली फ्लाई: ए डक्कन ओडिसी’ में लिखा है, “मैं हमेशा से खोज रहा था और हमेशा प्रयासरत था. जीविकोपार्जन करने और परिवार का भरण पोषण करने के प्रयास में मैंने खुद को एक के बाद एक नए काम में पाया. क्योंकि मैं अपने आप से अनजान था.” कैप्टन गोपीनाथ ने दूध बेचने के लिए मवेशी पाले, मुर्गी पालन, रेशमकीट पालन किया. फिर एक मोटर साइकिल डीलर और उडुपी रेस्टोरेंट के मालिक, एक स्टाक ब्रोकर, सिंचाई उपकरण डीलर, एक कृषि सलाहकार, एक नेता और आखिर में एक एयरलाइन के मालिक बन गए. उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी में भी जिक्र किया है, “संघर्ष करना, गिरना, उठना, गिरना, फिर से उठना और उड़ान भरना.”

ये भी पढ़ें- Explainer: मुस्लिम महिलाओं के तलाक गुजारा भत्ते को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को क्यों कहा जा रहा लैंडमार्क

किससे मिली प्रेरणा
कैप्टन गोपीनाथ की ऑटोबायोग्राफी ‘सिंपली फ्लाई’ के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखी गई प्रस्तावना के अनुसार गोपीनाथ एक अनाथ वियतनामी लड़की की कहानी से प्रेरित थे, जिसने 1969-75 के वियतनाम युद्ध के बाद अपने देश के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए हेलीकॉप्टर उड़ाना शुरू किया था और एक कम लागत वाली एयरलाइन की स्थापना की थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अपने एक इंटरव्यू में गोपीनाथ ने अपनी एयरलाइन की स्थापना के पीछे अपने आदर्श का खुलासा किया था. उन्होंने कहा, “यह वह इलीट क्लास नहीं है जिसे में अपना ग्राहक मानता हूं. यह मेरे ऑफिस की सफाई करने वाली महिलाएं, ऑटोरिक्शा चालक और अन्य ऐसे लोग हैं जिनकी हम सेवा करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि वे सपना देखें कि वे भी हवाई यात्रा कर सकते हैं, और हम उस सपने को साकार करना चाहते हैं.”  

कड़ी मेहनत से सच हुआ सपना
कैप्टन गोपीनाथ का सफर बाधाओं से भरा था. हालांकि उनके कभी हार न मानने वाले रवैये और लगातार कड़ी मेहनत ने उनके सपने को सच कर दिया. कैप्टन गोपीनाथ ने 25 अगस्त 2003 को हुबली की उड़ान के साथ अपनी एयरलाइंस की शुरुआत की. एयरलाइंस ने अपने कम किराए और व्यापक नेटवर्क के कारण मिडिल क्लास को आकर्षित किया. डेक्कन एयरलाइंस ने अपने काम काज में कई ऐसे तरीकों को इस्तेमाल किया जिससे प्रॉफिट भी कमाया जा सके. 2007 में पैसेंजर्स की 42 फीसदी की बढोतरी के साथ यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस बन गई. 2005 से 2007 के बीच भारतीय बाजार में अन्य कम लागत वाली कई एयरलाइंस आईं-स्पाइसजेट, गोएयर, इंडिगो और जेटलाइट. 

ये भी पढ़ें- जब पंडित नेहरू ने एक बच्ची के एडमिशन के लिए की थी स्कूल में सिफारिश, फिल्मों में बनती थीं लड़का

कभी हार नहीं मानने वाले शख्स
इन घटनाओं और ऑटोबायोग्राफी ‘सिंपली फ्लाई’ ने फिल्म प्रोड्यूसर सुधा कोंगारा को तमिल में सोरारई पोटरू नाम से फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कैप्टन गोपीनाथ पर फिल्म बनाने का फैसला क्यों किया यह पूछे जाने पर सुधा कोंगारा ने एक इंटरव्यू में कहा था, “यह वो शख्स है जो कभी हार नहीं मानता. लगातार दस साल तक यह आदमी अपना लाइसेंस लेने के लिए सरकारी ऑफिस के चक्कर लगाता रहता है. हर कोई उन्हें सलाह देता है कि तुम्हें बस रिश्वत देनी है काम हो जाएगा. उन्होंने कहा, “मैं रिश्वत नहीं दूंगा, क्योंकि फिर मैं अपनी शक्ल नहीं देख पाऊंगा.” अब हिंदी में बनी ‘सिरफिरा’ शुक्रवार 12 जून को थिएटर में आ जाएगी.  इस फिल्म में अक्षय कुमार, राधिका मदान, सीमा बिस्वास और परेश रावल मुख्य भूमिकाओं में हैं. 

Tags: Airline News, Akshay kumar, Akshay Kumar films, Tamil Film



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article