नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) से पहले तमाम दलों की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गयी है. इस बीच यूपीएससी कोचिंग के संचालक और सोशल मीडिया स्टार अवध ओझा (Avadh Ojha) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया. अवध ओझा ने भी एक दौर में सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC) की तैयारी की थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी. इसके बाद उन्होंने शिक्षक के रूप में नौकरी करनी शुरू की. वो कई बड़े कोचिंग संस्थानों में पढ़ा चुके हैं. दिल्ली में उनके 2 कोचिंग संस्थान है. IQRS IAS और दूसरी कोचिंग संस्थान का नाम अवध ओझा क्लासेस (Avadh Ojha Classes) है.
अवध ओझा की जिंदगी से जुड़े कई किस्से हैं मशहूर
अवध ओझा अपने कोचिंग संस्थान के अलावा सोशल मीडिया के भी स्टार रहे हैं. अवध ओझा के पिता श्रीमाता प्रसाद ओझा उत्तर प्रदेश में पोस्टमास्टर हुआ करते थे. उन्होंने अपनी पत्नी अर्थात अवध ओझा की मां को पढ़ा लिखाकर वकील बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन बेच दी थी. अवध ओझा बचपन में बेहद शरारती रहे थे. अपनी शरारतों की चर्चा वो अक्सर अपने वीडियो में करते रहे हैं. वो ये भी बताते हैं कि जमीन बेचकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी.
मेरा हमेशा यही कहना रहा है कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा.
AAP में शामिल होने के बाद अवध ओझा
उतार-चढ़ाव वाला रहा है करियर
शुरुआती पढ़ाई के बाद अवध ओझा यूपीएससी की तैयारी में लगे लेकिन उन्हें मैंस के एग्जाम में सफलता नहीं मिली. असफलता के बाद अवध ओझा वापस इलाहाबाद चले गए. जहां वो अपने एक दोस्त के कोचिंग संस्थान में पढ़ाने लगे. हालांकि उन्हें इलाहाबाद में अधिक सफलता नहीं मिली. बाद में 2019 में, उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में अपना कोचिंग संस्थान IQRA अकादमी शुरू किया, जो लगातार बढ़ रहा है. 2020 में, उन्होंने यूट्यूब चैनल “Ray Avadh Ojha” शुरू किया, जो छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय है. इसके अलावा भी एबीसी अकादमी ऑफ़ सिविल सर्विस, चाणक्य आईएएस अकादमी, अनएकेडमी और बर्थकुर आईएएस अकादमी में अवध ओझा पढ़ा चुके हैं.
अपनी यूपीएससी में असफलता को लेकर अवध ओझा बताते हैं कि मुझे सफलता हासिल नहीं हुआ. इसके पीछे की वजह बेसिक क्लियर नहीं होना था.
अवध ओझा की कितनी है संपत्ति?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवध ओझा यानी ओझा सर की नेटवर्थ करीब 11 करोड़ रुपये है. कोचिंग संस्थान के अलावा मोटिवेशनल स्पीकर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के तौर पर भी चर्चित हैं. उनकी कमाई का यह भी एक माध्यम रहा है. शिक्षा को लेकर वो लगातार सक्रिय रहे हैं.
‘मां ने घर से निकाल दिया …’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अवध ओझा ने बताया कि आखिरी प्रयास में भी यूपीएससी क्रैक नहीं होने के बाद जब वो घर पहुंचे तो उनकी मां बेहद निराश हो गयी. दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया और उनकी मां ने उन्हें घर से निकाल दिया. अवध ओझा के हवाले से बताया गया है कि साल 2000 से 2007 तक वो अपने घर नहीं गए. इस दौरान उन्होंने बहुत संघर्ष किया.
अरविंद केजरीवाल ने दिलायी सदस्यता
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ओझा को औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता दिलाई. दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने अवध ओझा के गले में पार्टी का पटका और टोपी पहनाकर स्वागत किया. इस मौके पर मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे. पार्टी में शामिल होने के बाद अवध ओझा ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने मुझे राजनीति में आकर शिक्षा के लिए काम करने का अवसर दिया है. शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जो परिवार, समाज, राष्ट्र की आत्मा है. जितने भी देश दुनिया में महान हुए, उनकी पृष्ठभूमि में कहीं न कहीं शिक्षा का योगदान रहा है। अब तो मैं पार्टी का हिस्सा हूं.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने राजनीति पारी की शुरुआत कर ली है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया ने कहा है कि यदि मुझे राजनीति और शिक्षा में से किसी को चुनना पड़े तो मैं निश्चित तौर पर शिक्षा को चुनूंगा. यही मेरा भी उद्देश्य है। राजनीति में आकर शिक्षा का विकास मेरा सर्वोत्तम उद्देश्य है.
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