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Friday, November 15, 2024

जब गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया को बताया छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नही

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नई दिल्ली. क्रिकेट के मैदान पर जब भी भारत और ऑस्ट्रेलिया टीमें आमने सामने होती है तो जेहन में सौरव गांगुली का चेहरा आ जाता है, हरभजन सिंह की गेंदबाजी आ जाती है, गंभीर  का गुस्सा दिमाग में आता है, विराट का आंखो में आंखे डालकर बल्लेबाजी करने की तस्वीर बार सामने आती है. पर इन सबके उपर एक ऐसी घटना है बार बार आंखो के सामने घूम जाती है जब महान सुनील गावस्कर ने मैदान से वॉकआउट कर दिया था.

1981के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न के मैदान  एक सनसनीखेज घटना हुई .भारत के कप्तान और सलामी बल्लेबाज गावस्कर, चेतन चौहान के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे, जब ऑस्ट्रेलियाई अंपायर रेक्स व्हाइटहेड ने उन्हें विवादास्पद तरीके से एलबीडब्लू  आउट दे दिया .

गावस्कर को आया गुस्सा 

तीन मैचों की सीरीज में भारतीय टीम पहला टेस्ट  सिडनी में हार गई थी, एडीलेड में दूसरा टेस्ट ड्रा रहा और तीसरा टेस्ट जब मेलबर्न में शुरु हुआ तो पहले ही दिन से दोनों टीमों में तकरार देखने को मिल रहीा थी . दूसरी पारी के लिए जब भारतीय ओपनिंग जोड़ी मैदान सुनील गावस्कर और चेतन चौहान की जोड़ी मैदान पर उतरी तो ऑस्ट्रेलिया के पास बड़ी लीड थी . गावस्कर और चेतन चौहान की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 165 रन की बड़े साझेदारी करके मेजबान टीम को बैकफुट पर ढकेल दिया. तभी डेनिस लिली द्वारा फेंकी गई गेंद गावस्कर के बल्ले से टकराने के बाद उनके पैड पर लगी और अंपायर ने गावस्कर को आउट दे दिया . इस फैसले से नाराज गावस्कर ने शुरू में अपनी नाराजगी जाहिर की. लिली के साथ तीखी नोकझोंक के बाद नाराज गावस्कर जब  गुस्से और तनाव  में मैदान से जाने लगे तो वो  अपने साथी  चेतन चौहान को अंपायर के निर्णय के विरोध में मैदान से बाहर जाने का इशारा किया.जैसे ही गावस्कर और चौहान मैदान से बाहर जाने लगे, भारतीय टीम के मैनेजर शाहिद दुर्रानी ने बीच-बचाव किया, स्थिति को शांत किया और चौहान को खेलना जारी रखने के लिए राजी किया. गावस्कर अंततः मैदान से चले गए, और साथ में इस बात का एहसास करा गए कि ऐग्रेशन दिखाना टीम इंडिया भी जानती है.

कपिल की कातिलाना गेंदबाजी 

ऑस्ट्रेलिया के सामने 142 रन की चुनौती थी और कपिल देव चोटिल होकर मैदान से बाहर थे. गावस्कर -लिली भिड़ंत से माहौल वैसे ही गर्मा गया था. कप्तान सुनील गावस्कर जानते थे कि कपिल देव के बिना ये मैच जीता नहीं जा सकता. गावस्कर ने तब कपिल देव से बात की और उनको गेंदबाजी के लिए तैयार किया. दर्द निवारक इंजेक्शन लेकर कपिल देव मैदान पर उतरे और फिर वो हुआ जिसकी उम्मीद ऑस्ट्रेलिया भी नहीं कर रहा था. कपिल देव 5 विकेट लिए और भारत 59 रन से मैच जीत गया. ये वो मैच था जिसने ऑस्ट्रेलिया को इस बात का एहसास कराया कि हिंदुसतानियों को छेड़ोगे तो वो छोड़ेंगे नही.

Tags: Border Gavaskar Trophy, India vs Australia, Jasprit Bumrah, Sunil gavaskar, Virat Kohli



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