Last Updated:
भारतीय क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो फेयरवेल टेस्ट के हकदार थे, लेकिन उन्हें यह मौका नहीं मिला. इन खिलाड़ियों को फेयरवेल टेस्ट खेले बगैर इस फॉर्मेट को अलविदा कहना पड़ा. किसी भी खिलाड़ी को विदाई टेस्ट उस …और पढ़ें
भारतीय क्रिकेट टीम के 5 खिलाड़ियों को टेस्ट में फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला.
हाइलाइट्स
- युवराज सिंह, गंभीर, धोनी को नहीं मिला था विदाई टेस्ट
- रोहित शर्मा भी चुपचाप टेस्ट को छोड़कर चले गए
- राहुल द्रविड़ के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के 5 खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें फेयरवेल टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला. और वो चुपचाप इस फॉर्मेट को अलविदा कह गए. किसी भी खिलाड़ी के लिए फेयरवेल मैच के जरिए उसे सम्मान दिया जाता है. इस तरह से उसे यह बताने की कोशिश की जाती है कि आपने इतने सालों तक अपने खेल के जरिए देश की सेवा की है जो यादगार है. कुछ खिलाड़ी खुशकिस्मत होते हैं कि उन्हें विदाई टेस्ट खेलने का मौका मिलता है लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो चुपचाप अपने गेम को छोड़कर चले जाते हैं. वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी उन्हीं खिलाड़ियों में शामिल रहे जिन्हें विदाई टेस्ट के बगैर टेस्ट को अलिवदा कहना पड़ा.
वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) क्रिकेट इतिहास के सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाजों में से एक थे. जिन्होंने अपनी विध्वंसक बैटिंगी से टेस्ट को नया आयाम दिया. नजफगढ़ के नवाब के नाम से विख्यात वीरू ने टेस्ट में 8586 रन बनाए जिसमें दो तिहरे शतक शामिल हैं. यह उपलब्धि केवल कुछ ही खिलाड़ियों ने हासिल की है. अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के बावजूद सहवाग ने विदाई मैच के बिना संन्यास ले लिया था. मुल्तान के सुल्तान सहवाग को भी इसका मलाल रहा.
28 गेंदों पर शतक जड़ने वाला बैटर आज कर सकता है आईपीएल में डेब्यू, धोनी केकेआर के खिलाफ मैच में किसे करेंगे बाहर
गंभीर ने विदाई मैच की उम्मीद में दो साल तक इंतजार किया
टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. टेस्ट क्रिकेट में भी उनका योगदान बेहद अहम रहा. जिसमें उनके नाम 4,000 से ज्यादा रन दर्ज हैं। गंभीर ने विदाई मैच की उम्मीद में दो साल तक इंतजार किया, लेकिन उन्हें कभी विदाई मैच नहीं मिला. अंत में गौती ने साल 2018 में संन्यास ले लिया.
धोनी ने इस फॉर्मेट से अचानक संन्यास ले लिया
‘द वॉल’ के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) भारत के सबसे बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में से एक थे. द्रविड़ ने इस फॉर्मेट में 13,000 से ज्यादा रन बनाए. साल 2012 में उनके अचानक संन्यास का मतलब था कि भारतीय क्रिकेट में उनके अपार योगदान के बावजूद उन्हें कभी विदाई मैच नहीं मिला. भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान एमएस धोनी ने टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई, जिसमें टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 रैंकिंग भी शामिल है. उन्होंने 2014 में बिना विदाई मैच खेले ही इस फॉर्मेट से अचानक संन्यास ले लिया. उनके नेतृत्व और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को देखते हुए विदाई मैच उनके लिए बनता था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
2011 विश्व कप जीत के नायक युवराज भी थे फेयरवेल टेस्ट के हकदार
युवराज सिंह (Yuvraj Singh) भारत की 2011 विश्व कप जीत के नायक थे. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कई अहम पारियां खेली थीं. अपने योगदान के बावजूद उन्होंने विदाई मैच खेले बिना ही संन्यास ले लिया.कैंसर से उनकी लड़ाई और उसके बाद क्रिकेट में वापसी ने उनके सफर को और भी प्रेरणादायक बना दिया. जिसके लिए उन्हें शानदार विदाई मिलनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रोहित शर्मा के साथ भी ऐसा ही हुआ है. जिन्होंने 7 मई को अचानक टेस्ट से रिटायरमेंट का ऐलान कर हैरान कर दिया.


करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें
करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से… और पढ़ें