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Friday, October 4, 2024

'क्या मुझे पेपर पर लिखकर दे सकते हो,' कैप्टन गांगुली के फैसले से नाराज, दिग्गज बैटर ने कर दी थी ये खास डिमांड

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नई दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग आक्रामक बैटिंग के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने पूरे करियर में निर्भीक होकर बल्लेबाजी की. टेस्ट क्रिकेट में तीन ट्रिपल सेंचुरी उनके नाम है जबकि वनडे में सचिन तेंदुलकर के बाद दोहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय बने. वनडे में खेली गई 219 रन की ऐतिहासिक पारी लगभग 3 साल तक कायम रही. इसके बाद रोहित शर्मा ने 264 रन बनाकर इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा. सहवाग ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके ओपनर बनने के पीछे सौरव गांगुली का बड़ा योगदान रहा है. जिन्होंने उन्हें मिडिल ऑर्डर बैट्समैन से सफल सलामी बल्लेबाज बनाया. गांगुली जानते थे कि वीरू जिस कद के खिलाड़ी हैं वह मिडिल ऑर्डर में अपने साथ न्याय नहीं कर पाएंगे, इसलिए उन्होंने सहवाग की प्रतिभा को भांपते हुए उन्हें ओपनिंग में उतारा और वीरू ने इस मौके को दोनों हाथों से लपक लिया.

2011 के वनडे वर्ल्ड कप में वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने पहले मैच में 175 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत के अभियान की शुरुआत की. हालांकि उन्होंने बतौर ओपनर शुरुआत नहीं की. सहवाग ने 2001 में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की कप्तानी में अपना टेस्ट करियर शुरू किया, उन्होंने ब्लोमफोंटेन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया, जहां उन्होंने चौथे स्थान पर बल्लेबाजी की और सेंचुरी जड़ी. सहवाग को ओपनिंग पोजिशन पर प्रमोट करने का फैसला बाद में लिया गया. ओशन ब्लू एकेडमी के एक कार्यक्रम में गांगुली ने बताया था कि कैसे सहवाग को ओपनिंग के लिए मनाया गया. सौरव गांगुली ने कहा,’ मैं बहुत भाग्यशाली था कि मुझे वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी की कप्तानी करने का मौका मिला. जो दिल्ली से आया एक युवा खिलाड़ी था. जिसके अंदर बहुत प्रतिभा थी. पहला टेस्ट शुरू होने से एक सप्ताह पहले, मैं उसके पास गया और कहा, ‘वीरू, तुम बहुत शानदार खिलाड़ी हो, लेकिन तुम्हें खेलने का मौका नहीं मिल रहा है क्योंकि हमारे पास तीसरे नंबर पर द्रविड़, चौथे पर तेंदुलकर, पांचवें पर मैं और छठे पर लक्ष्मण हैं.’

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सहवाग बोले- मैंने कभी ओपनिंग नहीं की
सौरव गांगुली ने कहा कि मैंने उससे बोला कि आप जानते हो आप जैसे खिलाड़ी बेंच पर नहीं बैठ सकते. तो आप ओपनिंग क्यों नहीं करते?’ इसपर सहवाग ने कहा कि दादा, मैंने कभी ओपनिंग नहीं की है. फिर मैंने कहा कि तो क्या हुआ अगर आपने ओपनिंग नहीं किया है तो? गांगुली ने कहा कि मुझे पता था कि उसका अगला सवाल यही होगा कि अगर मैं नई गेंद के साथ जल्दी आउट हो गया तो क्या होगा?

सौरव गांगुली ने वीरू से किया ये वादा
फिर सौरव गांगुली ने सहवाग से कहा कि अगर आप फेल हो जाते हो तो इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि आप टीम हित में कुछ कर रहे हो. आप वो करने जा रहे हो जो आपने कभी किया नहीं है. इसलिए अगर आप ओपनिंग में फेल भी हो जाते हो तो हम आपको निचले क्रम में बैटिंग में मौका देंगे. गांगुली ने बताया कि जब हमारी बातचीत खत्म हो गई तो वीरू ने कहा कि क्या आप मुझे इसे कागज पर लिखकर दे सकते हो.

गांगुली की साफगोई ने वीरू के आत्मविश्वास को बढ़ाया
वीरेंद्र सहवाग ने भी कई बार बताया है कि गांगुली ने कहा था कि अगर तुम ओपनिंग में फेल भी होते हो तो हम तुम्हे तीन चार पारियां और देंगे. हम तुम्हें टीम से ड्रॉप नहीं करेंगे. बाहर करने से पहले हम तुम्हे निचले क्रम में बैटिंग के लिए मौका जरूर देंगे. वीरू ने कहा कि दादा के भीतर साफगोई है और उसी ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया. फिर मुझे लगा कि जब दादा मुझे इतना सपोर्ट कर रहे हैं तो फिर मुझे भी ओपनिंग में कोशिश करनी चाहिए. वीरू ने कई बार इस बात को स्वीकार किया है कि आज वह जो कुछ भी हैं दादा की वजह से हैं.

Tags: Saurav ganguly, Virender sehwag



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