वॉशिंगटन/नई दिल्ली
अमेरिका के साथ तरजीही व्यापार के दर्जे को बचाने की आखिरी कोशिश भी नाकाम हो गई। जीएसपी दर्जे पर प्रतिबंध लागू होने के अंतिम दिन 25 अमेरिकी सांसदों ने व्यापार प्रतिनिधि को पत्र लिखकर फैसला टालने की अपील की। इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद शुक्रवार 3 मई से भारत का तरजीही दर्जा खत्म हो गया। डेमोक्रेटिक पार्टी के 21 सांसदों के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के चार सांसदों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर को पत्र लिखकर भारत का जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफ्रेंस (जीएसपी) का दर्जा खत्म नहीं करने का दबाव बनाया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ऐसे सौदों पर बातचीत जारी रखे जो भारत के साथ आयात-निर्यात बढ़ाने और नौकरियां पैदा करने में मददगार है। भारत में होने वाले चुनावों को देखते हुए इस फैसले को अभी टाल दिया जाना चाहिए। ताकि, नई सरकार बनने के बाद सीमा शुल्क के मुद्दे पर मोलभाव किया जा सके। वर्तमान परिस्थितियों में यह फैसला अमेरिका के हित में नहीं होगा।
अमेरिका की ओर से 1976 से दिया जा रहा तरजीही दर्जा खत्म होना भारत के लिए बड़ा झटका है। जीएसपी के तहत भारत अभी 39 हजार करोड़ रुपये का शुल्क मुक्त निर्यात अमेरिका को करता है। इसमें कृषि उत्पाद, ऑटोमोबाइल, मशीन के पुर्जे और इंजीनियरिंग उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा भारत अभी अमेरिका को 47.9 अरब डॉलर का निर्यात करता है, जबकि आयात सिर्फ 26.7 अरब डॉलर है। ऐसे में 21.2 अरब डॉलर के निर्यात पर नए सिरे से शुल्क लगाए जाने का डर रहेगा।