Success Story: अक्सर देखा गया है कि एयरफोर्स में ऑफिसर बनने की चाहत हर युवाओं के दिलों में होती है. लेकिन भारतीय वायुसेना में ऑफिसर बनने के लिए UPSC के जरिए आयोजित की जाने वाली CDS की परीक्षा को पास करना होता है. इसके अलावा एयरफोर्स के माध्यम से आयोजित AFCAT के एग्जाम को क्वालीफाई करना होता है. इसके लिए युवा जी तोड़ मेहनत करते हैं. जिन युवाओं का सपना एयरफोर्स में ऑफिसर बनकर देश सेवा करने का जुनून होता है, वह किसी भी क्षेत्र में होते हुए भी यहां काम करने का भरपूर कोशिश करते हैं और कामयाब भी होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी संस्थान शिमला से बीटेक करने के बाद एयरफोर्स में अधिकारी (Air Force Officer) बने हैं.
AFCAT में हासिल की दूसरी रैंक
हम जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, उनका नाम अनुभव परमार है. वह हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के सब डिवीजन गगरेट के कुनेरन गांव से ताल्लुक रखते हैं. एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बने अनुभव परमार ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी संस्थान शिमला से सूचना प्रौद्योगिकी में बीटेक की पढ़ाई पूरी की हैं. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2022 में एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट के परीक्षा में शामिल हुए और देशभर में दूसरी रैंक हासिल की. एएफसीएटी में सेलेक्शन के बाद 6 महीने की ट्रेनिंग भारतीय वायुसेना अकादमी डुंडीगल हैदराबाद ली. इसके बाद एक वर्ष का टेक्निकल ट्रेनिंग वायुसेना तकनीकी कालेज बेंगलुरु से हासिल की. अनुभव परमार भारतीय वायुसेना अकादमी से पासआउट हुए इस क्षेत्र से पहले वायु सेना के ऑफिसर बने हैं.
AFCAT में चयन होने पर इस कॉलेज में मिलता है ट्रेनिंग
भारतीय वायुसेना तकनीकी कालेज बेंगलुरु में अभी कुछ दिन पहले ही दीक्षांत परेड समारोह आयोजित की गई थी. इस समारोह में अनुभव परमार विधिवत रूप से भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने. इस दीक्षांत परेड समारोह में अनुभव परमार के पिता विनोद परमार, माता सुनीता परमार व बहन साक्षी परमार शामिल हुई थीं. उनके माता-पिता ने फ्लाइंग ऑफिसर अनुभव परमार के कंधों पर स्टार लगाए. फ्लाइंग ऑफिसर अनुभव के पिता विनोद परमार सेना की सिग्नल कोर में कार्यरत थे. उनके पिता रिटारमेंट के बाद राजस्व विभाग में सेवारत हैं. जबकि माता सुनीता गृहिणी है. अनुभव अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं, जो सेना में सेवाएं देने जा रहे हैं.
FIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 07:37 IST