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उन्नाव के 90 वर्षीय पूर्व कैप्टन हरि प्रताप सिंह चंदेल, जो 1980 में सेवानिवृत्त हुए और 1965 व 1971 के युद्धों में शामिल रहे, ने अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि आज हमारा जोश हाई है. उस समय के युद्ध …और पढ़ें
उन्नाव में पूर्व कैप्टन ने बड़ा बयान दिया है.
हाइलाइट्स
- पूर्व कैप्टन हरि प्रताप सिंह ने पीओके को भारत में मिलाने की बात कही.
- उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों में भाग लिया था.
- भारत के पास अब आधुनिक हथियार हैं, जो पाकिस्तान पर प्रभावी हैं.
उन्नाव. भूतपूर्व सैनिक हरि प्रताप सिंह चंदेल ने ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धों को लेकर महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं. साल 1980 में आनरी कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हुए 90 वर्षीय हरिप्रताप सिंह चंदेल ने कहा कि आज हमारा जोश हाई है. 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों की अपनी आपबीती सुनाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास अब कई गुना ज्यादा ताकत और आधुनिक हथियार हैं. सेना में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने वीरता के लिए 4 मेडल भी प्राप्त किए हैं.
उन्नाव सदर क्षेत्र के पूरा निष्पंसारी गांव के निवासी हरि प्रताप सिंह चंदेल ने बताया कि उन्होंने 15 साल की छोटी उम्र में बॉयस बटालियन में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया था. 17 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार बंदूक उठाई और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने 1962, 1965 और 1971 के तीन अलग-अलग युद्धों के अपने अनुभवों को साझा किया.
1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अपनी भूमिका के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें मऊ में ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया था, जहां उन्हें रेजिमेंट को प्रशिक्षण देना था. इसके बाद, उन्होंने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों के दौरान की महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया. उन्होंने दोनों युद्धों के समय की परिस्थितियों और आज के समय के युद्ध में आए अंतर को स्पष्ट रूप से बताया.
पूर्व कैप्टन चंदेल ने कहा कि 1971 के युद्ध के समय भारतीय सेना के पास थ्री नॉट थ्री राइफल और लाइट मशीन गन जैसे हथियार हुआ करते थे, जो आज के समय में सामान्य माने जाते हैं. उन्होंने आधुनिक युद्ध की तकनीकों में भारत की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत के पास बहुत ही उन्नत और आधुनिक हथियार हैं, जिनसे हमारी सेना पाकिस्तान पर लगातार प्रभावी प्रहार कर रही है.
ऑपरेशन सिंदूर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए हरि प्रताप सिंह चंदेल ने कहा कि पाकिस्तान की सेना आम नागरिकों को निशाना बना रही है, जबकि भारतीय सेना केवल आतंकवादियों को ही लक्षित कर रही है. उन्होंने वर्तमान समय को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भारत में मिलाने के लिए सबसे अनुकूल बताया. उन्होंने कहा कि सरकार और सेना का मनोबल बहुत ऊंचा है और अब पीओके, जो कि जम्मू-कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है, को जीतकर भारत में शामिल कर लेना चाहिए.
पूर्व कप्तान ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के बारे में बाद में सोचा जा सकता है, लेकिन पहले भारत को पीओके को अपने अधिकार में ले लेना चाहिए. उनके ये शब्द देशप्रेम और अटूट राष्ट्रभक्ति की भावना को दर्शाते हैं. एक 90 वर्षीय पूर्व सैनिक का यह जोश और अनुभव निश्चित रूप से युवाओं और देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.