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टेस्ट क्रिकेट में एक मैच ऐसा भी खेला गया है जो 43 घंटे 16 मिनट तक चला. इस टाइमलेस मैच में 1981 रन बने जो आज भी रिकॉर्ड है. यह क्रिकेट के इतिहास में सबसे लंबा टेस्ट मैच है. यह टेस्ट मैच 12 दिनों तक चला जिसमें दो…और पढ़ें
सबसे लंबे टेस्ट मैच में बने थे 1981 रन.
हाइलाइट्स
- टाइमलेस टेस्ट मैच में अगर नतीजा का इंतजार होता तो छूट जाती नाव
- इंग्लैंड की टीम जीत से सिर्फ 41 रन पीछे थी
- सबसे लंबे टेस्ट मैच में 22 टी20 मैच खेले जा सकते थे
नई दिल्ली. टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए आईसीसी पिंक बॉल टेस्ट मैच का आयोजन कर रहा है. क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था को लगता है कि अगर ये टेस्ट मैच डे नाइट आयोजित कराए जाएंगे तो इसमें दर्शकों की ज्यादा मौजूदगी होगी. पिंक बॉल से जब दूधिया रोशनी में टेस्ट खेला जाता है तब गेंदबाज बल्लेबाजों के लिए कहर बन जाते हैं. टेस्ट की घटती लोकप्रियता की वजह देर तक चलना, 5 दिन के बाद भी कई बार रिजल्ट नहीं आना प्रमुख है.लेकिन क्रिकेट के इतिहास में एक टेस्ट मैच 12 दिन तक खेला गया जिसे टाइमलेस टेस्ट कहा गया.इस टेस्ट मैच में रनों का अंबार लग गया था. यह टेस्ट मैच आज के 22 टी20 मैचों से भी लंबा था.
साल 1939 में साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड (SA vs ENG) के बीच डरबन में एक टेस्ट मैच खेला गया. यह टेस्ट मैच 3 मार्च से शुरू हुआ और 14 मार्च तक चला. 12 दिन तक चले इस मैच में कोई रिजल्ट नहीं निकला. इस टेस्ट मैच में दो दिन रेस्ट डे के थे जबकि एक दिन का खेल खराब मौसम की वजह से नहीं हुआ. 3 दिन को निकाल दें तो 9 दिन तक चले इस टेस्ट मैच में 1981 रन बने थे. यह मुकाबला 43 घंटे 16 मिनट चला था. 86 साल पहले खेले गए इस टेस्ट मैच में 680.7 ओवर की गेंदबाजी हुई थी. उस समय 8 गेंद का एक ओवर हुआ करता था. इसे वर्तमान में अगर 6 गेंद के ओवर में देखा जाए तो यह 907.5 ओवर होगा.
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उस टेस्ट मैच में 22 टी20 मैच हो सकते थे
साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच खेले गए उस टेस्ट मैच की अगर आज के जमाने की टी20 से तुलना करें तो एक मैच में 240 लीगल गेंदें फेंकी जाती है. इसके मुताबिक टाइमलेस टेस्ट मैच में जितनी गेंद फेंकी गई थी उसमें 22 टी20 मैच हो सकते थे. इसके अलावा 167 गेंदें बाकी रह गईं. मतलब इसमें एक टी20 मैच की पारी से ज्यादा गेंदें बच गईं.
साउथ अफ्रीका बनाम इंग्लैंड टेस्ट में 5447 गेंदें फेंकी गईं
सबसे लंबे टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 530 रन बनाए थे. जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी 316 रन पर ढेर हो गई थी. दूसरी पारी में साउथ अफ्रीका ने 481 रन बनाए. इस टेस्ट मैच में 5447 गेंदें फेंकी गई थी. इंग्लैंड के सामने 696 रन का विशाल लक्ष्य था. उसने 5 विकेट पर 654 रन बनाए. हालांकि 9 दिन तक खेले गए इस टेस्ट मैच में नतीजा नहीं निकल सका और ड्रॉ पर खत्म हुआ. इंग्लैंड जीत से 41 रन दूर थी लेकिन टीम मैनेजमेंट ने मैच को खत्म किए जाने का फैसला किया. क्योंकि अगर ये फैसला नहीं किया जाता तो इंग्लैंड की टीम की नाव छूट जाती.