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Friday, September 13, 2024

बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से बॉलिंग, ऐसे 4 भारतीयों ने डेब्‍यू टेस्‍ट में जड़ा शतक

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नई दिल्‍ली. विश्‍व क्रिकेट में कुछ प्‍लेयर ऐसे हुए हैं जो बाएं हाथ से बैटिंग करते थे और दाएं हाथ से बॉलिंग. रविवार को ही जिम्‍बाब्‍वे के खिलाफ (India Vs Zimbabwe) संपन्‍न हुई पांच टी20 मैचों की सीरीज में भारतीय टीम में चार खिलाड़ी – शिवम दुबे, वॉशिंगटन सुंदर, रिंकू सिंह और यशस्‍वी जायसवाल, बैटिंग तो बाएं हाथ से करते हैं लेकिन बॉलिंग दाएं हाथ से. सीरीज में युवा टीम इंडिया ने 4-1 से जीत हासिल की.

इन प्‍लेयर्स से पहले भी टीम (Indian cricket team) में कई ऐसे प्रमुख क्रिकेटर खेल चुके हैं जो बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से बॉलिंग करते थे. इसमें सबसे प्रमुख नाम टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली, रॉबिन सिंह और सुरेश रैना का है, इसमें से गांगुली और रैना तो डेब्‍यू टेस्‍ट में शतक लगा चुके हैं.

नजर डालते हैं बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से बॉलिंग करने वाले प्रमुख भारतीय क्रिकेटरों पर..

बॉलिंग से भी टीम इंडिया को मैच जिता चुके ‘दादा’

टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) बैटर के अलावा बॉलर के तौर पर भी टीम इंडिया के लिए ‘असेट’ साबित हुए. सौरव बैटिंग तो बाएं हाथ से करते थे लेकिन बॉलिंग बाएं हाथ से. मजे की बात यह है कि सौरव नैसर्गिक रूप से लेफ्ट हेंडर नहीं हैं. उन्‍होंने बाएं हाथ से बैटिंग करने वाले अपने बड़े भाई स्‍नेहाशीष गांगुली की बैटिंग किट का इस्‍तेमाल करने के लिए बाएं हाथ से बैटिंग शुरू की थी. बाएं हाथ से बैटिंग में सहज महसस करने के बाद उन्‍होंने आगे भी इसे जारी रखा और फिर बाएं हाथ के बैटर के तौर पर ही शीर्ष क्रिकेट खेली. बैटर के अलावा दाएं हाथ के मध्‍यम गति के बॉलर के तौर पर भी सौरव उपयोगी रहे. कुछ वनडे मैचों में उन्‍होंने अपनी बॉलिंग से ही मैच का रुख भारतीय टीम के पक्ष में मोड़ा है. टेस्‍ट क्रिकेट में 7212 और वनडे में 11363 रन बनाने वाले ‘दादा’ के नाम पर टेस्‍ट में 32 और वनडे में  100 विकेट दर्ज हैं. ODI में उन्‍होंने दो बार पारी में 5विकेट हासिल किए.

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पार्टनरशिप तोड़ने के लिए रैना से बॉलिंग कराते थे धोनी

T20I इंटरनेशनल में भारत की ओर से पहला शतक जड़ने वाले सुरेश रैना (Suresh Raina) बाएं हाथ के बैटर और दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक बॉलर के रूप में टीम इंडिया की जीतों में योगदान दे चुके हैं.रैना ने अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में शतक लगाया था लेकिन दुर्भाग्‍यवश इस फॉर्मेट का उनका करियर लंबा नहीं चल पाया. 226 वनडे में 5 शतकों की मदद से 5615 और 78 टी20I में एक शतक की मदद से 1605 रन बनाने वाले रैना ने इन दोनों फॉर्मेट में बॉलर के तौर पर भी योगदान दिया. टेस्‍ट में उन्‍होंने 13, वनडे में 36 और टी20I में 13 विकेट लिए. वनडे और टी20I में विपक्षी टीम की पार्टनरशिप तोड़ने के लिए धोनी ने रैना का चतुराई से उपयोग किया और ज्‍यादातर बार सफल भी रहे.

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बेहतरीन ऑलराउंडर थे रॉबिन सिंह

Sourav Ganguly, Suresh Raina, Robin Singh, Nari Contractor, Vinod Kambli, Surinder Amarnath, Gautam Gambhir, Shikhar Dhawan, सौरव गांगुली, सुरेश रैना, रॉबिन सिंह, नरी कांट्रेक्‍टर, विनोद कांबली, सुरिंदर अमरनाथ, गौतम गंभीर, शिखर धवन

वेस्‍टइंडीज में जन्‍मे लेकिन भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट खेले रबिंद्र रामनारायण सिंह उर्फ रॉबिन सिंह (Robin Singh) ऑलराउंडर की हैसियत से टीम को बैलेंस प्रदान करते थे. बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से मध्‍यम गति की बॉलिंग करने वाले रॉबिन की गिनती बेहतरीन फील्‍डरों में की जाती थी. केवल एक टेस्‍ट खेल सके इस डेशिंग प्‍लेयर ने 136 वनडे मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्‍व किया और एक शतक व 9 अर्धशतक की मदद से 2336 रन बनाने के अलावा 69 विकेट हासिल किए जिसमें दो बार पारी में 5 विकेट शामिल थे.

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हादसे ने किया खत्‍म किया था नरी का क्रिकेट करियर

बाएं हाथ के बैटर नरी कांट्रेक्‍टर (Nari Contractor) भारतीय टीम की कप्‍तानी भी कर चुके हैं. दुर्भाग्‍यवश वेस्‍टइंडीज दौरे में तेज गेंदबाजी चार्ली ग्रिफिथ की गेंद लगने के कारण उनके इंटरनेशनल करियर का अंत हो गया. बाएं हाथ के बैटर की हैसियत से 31 टेस्‍ट में 1611 रन बनाने वाले नरी दाएं हाथ के मध्‍यम गति के गेंदबाज थे. फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में उनके नाम पर 26 विकेट दर्ज हैं, हालांकि टेस्‍ट में वे एक विकेट ही ले सके.

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ऑफ ब्रेक बॉलिंग करते थे विनोद कांबली

सचिन तेंदुलकर के बाल सखा विनोद कांबली (Vinod Kambli) की गिनती देश के बेहतरीन खब्‍बू बैटरों में होती है. कांबली ने 17 टेस्‍ट में 54.20 के औसत से 1084 रन बनाए जिसमें चार शतक शामिल थे. टेस्‍ट क्रिकेट के दो बार 200 से अधिक रन बनाने वाले कांबली ने 104 वनडे में 32.59 के औसत से 2477 रन (दो शतक) बनाए. विनोद दाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करते थे.फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 10 विकेट लेने वाले कांबली के नाम वनडे में एक विकेट दर्ज है.

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सुरिंदर ने अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में ही लगाया था शतक

बाएं हाथ से बैटिंग करने वाले सुरिंदर अमरनाथ (Surinder Amarnath) ने अपने टेस्‍ट करियर का आगाज शतक लगाकर किया था लेकिन उनका करियर 10 टेस्‍ट और 3 वनडे से आगे नहीं बढ़ सका. सुरिंदर दाएं हाथ के मध्‍यम गति के गेंदबाज भी थे.टेस्‍ट क्रिकेट में उन्‍होंने एक विकेट लिया. उन्‍होंने अक्‍टूबर 1978 में फैसलाबाद में हुए टेस्‍ट में पाकिस्‍तान की ओर से शतक जड़ने वाले आसिफ इकबाल को आउट किया था. सुरिंदर के पिता लाला अमरनाथ और भाई मोहिदर अमरनाथ भी इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के लिए खेल चुके हैं.

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गंभीर और धवन भी करते थे दाएं हाथ से बॉलिंग 

वर्ष 000 के बाद भारत के लिए खेले गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) और शिखर धवन (Shikhar Dhawan) बैटिंग तो बाएं हाथ से करते थे लेकिन बॉलिंग दाएं हाथ से. लेग ब्रेक बॉलर की हैसियत से गंभीर ने फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 7 और लिस्‍ट ए मैच में एक विकेट लिया. इसी तरह ऑफ ब्रेक बॉलर धवन ने फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 3, लिस्‍ट ए मैचों में 9 और टी20 मैचों में 4 विकेट लिए. इंटरनेशनल मैचों में ये दोनों कोई विकेट नहीं ले सके. गांगुली, रैना और सुरिंदर अमरनाथ की ही तरह धवन ने ही अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में शतक लगाया था.

Tags: Gautam gambhir, Shikhar dhawan, Sourav Ganguly, Suresh raina, Vinod Kambli



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