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Saturday, April 12, 2025

सृष्टि की रचना के पहले ही विराजमान हुई थी मां विंध्यवासिनी, जानिए रहस्य

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मिर्जापुर: विंध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी धाम में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से दर्शन के लिए भक्त आते हैं. मां के धाम को माणिद्वीप कहा जाता है. मान्यता है कि यहां पर न तंत्र विद्या काम करती है और न ही मंत्रों से मां प्रसन्न होती है.

हर भक्तों की मां सुनती हैं पुकार

करुणामयी मां भक्तों की हर पुकार को उनके भाव से सुन लेती है. मां विंध्यवासिनी धाम को लेकर कई किदवंती है. पुराणों के अनुसार सृष्टि की रचना से पहले ही राजराजेश्वरी मां विंध्यवासिनी माणिद्वीप पर विराजमान हुई, जिसके बाद से ही भक्तों का कल्याण कर रही है.

विंध्यधाम के अर्चक और आचार्य पंडित अग्सत्य द्विवेदी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि जब सृष्टि की संरचना नहीं हुई थी, उससे पहले ही मां माणिद्वीप पर आकर विराजमान हुई. मां के अन्य जगहों पर एक-एक अंग गिरे थे. उन स्थानों पर शक्तिपीठ बना. ब्रह्मांडनायिका मां विंध्यवासिनी अपनी पूरी संरचना के साथ विंध्यपर्वत पर इसलिए इन्हें ब्रह्मांडनायिका आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी कहा जाता है. यही वजह है कि मां भक्तों पर अपनी अनंत कृपा भक्तों पर बरसाती है.

पूरी हो जाती है हर मुराद

पंडित अगत्स्य द्विवेदी ने बताया कि मां के धाम में करुणा भाव से आने वाले भक्त कभी भी खाली हाथ वापस नहीं जाते हैं, जो भी भक्त मां विंध्यवासिनी के चरणों स्पर्श करके अपने दिल की मुराद को मांगते है. मां उनकी हर मुराद को पूरी कर देती हैं. मां विंध्यवासिनी धाम में चार पहर की आरती होती है, जो अर्थ, धर्म, काम व मोक्ष प्रदान करती है. करुणामयी मां बिना तंत्र और मंत्र के भक्तों के भाव को समझकर उनके कष्टों को हर लेती है. इसलिए मां का धाम विशेष है.

Tags: Local18, Maa Vindhyavasini Temple, Mirzapur news, Religion, Religion 18



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