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Monday, July 8, 2024

16 साल पहले क्रिकेट के नक्शे में भी नहीं थे अफगान, आज ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड और पाकिस्तान से आगे हैं

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नई दिल्ली. महज 16 साल पहले जो टीम जर्सी, मोजाम्बिक, मलेशिया, सिंगापुर, बोत्सवाना, वनातू जैसी टीमों के साथ क्रिकेट खेल रही थी, वह आज टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है. अफगानिस्तान. क्रिकेट इतिहास में शायद ही ऐसी कोई टीम हुई हो, जो इस रफ्तार से आगे बढ़ी हो, जो आज अफगानिस्तान की है. जिस टीम ने अपना पहला वनडे मैच 2009 और पहला टी20 मैच 2010 में खेला हो, वह आज ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड को बाहर कर वर्ल्ड कप जीतने के करीब है. छुपे रुस्तम से दिग्गज बनने के अफगानिस्तान के सफर को 5 पॉइंट में यूं समझ सकते हैं.

1. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड 1995 में बना
जिस दौर में सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के सबसे बड़े स्टार थे और उनके नाम शतक पर शतक दर्ज हो रहे थे, उस दौरान अफगानिस्तान में क्रिकेट बोर्ड तक नहीं था. 1995 में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) की स्थापना होती है, जिसे 2001 में आईसीसी एफिलिएट मेंबर के तौर पर मान्यता देती है.

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2. साल 2000 में तालिबान ने हटाया प्रतिबंध
1990 के दशक में तालिबान ने अफगानिस्तान में कई खेलों पर प्रतिबंध लगा रखा था. इनमें क्रिकेट भी शामिल था. साल 2000 में तालिबान तमाम खेलों पर लागू प्रतिबंध से क्रिकेट को अलग कर देता है. इसके बाद ही आईसीसी अफगानिस्तान को मान्यता देती है. 2001-2002 में अफगानिस्तान की टीम पाकिस्तान के घरेलू टूर्नामेंट कायदेआजम ट्रॉफी में अपनी टीम उतारती है. अफगानिस्तान को पाकिस्तान क्रिकेट की मदद इसलिए लेनी पड़ती है क्योंकि उसके अपने देश में स्टेडियम से लेकर वो तमाम सुविधाएं नहीं होतीं, जो मैच कराने के लिए जरूरी हैं.

3. 2008 में जीती डिवीजन फाइव की ट्रॉफी
अफगानिस्तान की टीम 2008 में आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग डिवीजन फाइव टूर्नामेंट में हिस्सा लेती है. डिवीजन फाइव आईसीसी का सबसे निचले क्रम का टूर्नामेंट है. साल 2008 में इस टूर्नामेंट अफगानिस्तान के अलावा जापान, नॉर्वे, बहमास, जर्सी, सिंगापुर, बोत्सवाना, मोजाम्बिक, अमेरिका, जर्मनी, नेपाल और वनातू हिस्सा लेते हैं. अफगानिस्तान यह टूर्नामेंट जीतकर क्रिकेट जगत में पहली दस्तक देता है.

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4. पहला वनडे 2009 में खेला
अफगानिस्तान को 2008 के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद वर्ल्ड कप 2011 के क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिलता है. अफगान लड़ाके वर्ल्ड कप 2011 के लिए क्वालिफाई तो नहीं कर पाते, लेकिन अपने बेहतरी प्रदर्शन से वनडे स्टेटस जरूर हासिल कर लेते हैं. इसके बाद 2009 में अफगानिस्तान की टीम स्कॉटलैंड से पहला वनडे मैच खेलती है. एक साल बाद 2010 में अफगानिस्तान टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में भी डेब्यू कर लेती है. साल 2017 में उसे टेस्ट स्टेटस भी मिल जाता है.

5. अब वर्ल्ड कप सेमीफाइल खेलेंगे काबुलीवाले
अफगानिस्तान मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में है. उसने इस सफर तक पहुंचने के लिए ग्रुप स्टेज में न्यूजीलैंड को हराया था. इसके बाद सुपर-8 स्टेज में ऑस्ट्रेलिया को हराया. अब वह सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा. सिर्फ अफगानिस्तान के क्रिकेट फैंस ही नहीं, दुनिया के दिग्गज भी मान रहे हैं कि सेमीफाइनल में राशिद खान के लड़ाकों का पलड़ा भारी रह सकता है. अगर अफगानिस्तान की टीम सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराए तो ना तो इसे उलटफेर कहिएगा और ना ही हैरान होइएगा. वजह- आज अफगानिस्तान जिस मकाम (वर्ल्ड कप सेमीफाइनल) पर है, वहां ना तो ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड और ना ही मेजबान वेस्टइंडीज या पाकिस्तान. अफगानिस्तान क्रिकेट का चमकता सितारा है और पूरी संभावना है कि वह इस बार टी20 वर्ल्ड कप फाइनल खेलने से पहले घर नहीं लौटेगा.

Tags: Afghanistan Cricket, Icc T20 world cup, T20 World Cup



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