सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में जारी पंचायत चुनावों पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया। एससी ने कहा कि अगर अदालतें मतदान वाले दिन चुनावों पर रोक लगाना शुरू करती हैं तो अराजकता पैदा हो जाएगी। राज्य में मंगलवार सुबह 8 बजे पंचायत चुनावों के लिए मतदान शुरू हुआ। उन पर रोक लगाने वाली याचिकाओं को भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लिस्टेड किया गया। बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल रहे।
पीठ की ओर से कहा गया, ‘अगर मतदान आज आरंभ हो गया है तो हम इस स्तर पर हस्तक्षेप कैसे कर सकते हैं? संभवत: उच्च न्यायालय को इसकी गंभीरता का एहसास हुआ होगा और उसने चुनावों पर रोक हटा ली।’ सीजेआई ने कहा कि अगर हम मतदान वाले दिन ही मतदान पर रोक लगाते हैं तो अराजकता पैदा हो जाएगी। हालांकि, उच्चतम न्यायालय पंजाब में पंचायत चुनावों को अनुमति देने वाले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए राजी हो गया।
हाई कोर्ट ने 1 हजार याचिकाएं कर दीं खारिज
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अहम फैसला देते हुए हाल में पंचायत चुनावों को रद्द करने का अनुरोध करने वाली करीब 1,000 याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इससे पहले हाई कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। पंजाब में ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सरपंच और पंच पदों के लिए मतदान मत पेटियों के जरिए सुबह 8 बजे आरंभ हुआ और यह शाम 4 बजे तक जारी रहेगा। वोटिंग के बाद मतदान केंद्रों पर मतों की गिनती की जाएगी। पंचायत चुनावों के लिए 19,110 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 1,187 को अत्यधिक संवेदनशील बताया गया है। राज्य में 13,225 ग्राम पंचायतें हैं। 9,398 ग्राम पंचायतें सरपंच का चुनाव करेंगी।