सुल्तानपुर : संत श्रीरामभद्राचार्य महाराज की ओर से यूट्यूबर अभिनव अरोड़ा को मंच से उतारे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर हो खूब ट्रोलिंग के बीच साफ किया है कि उन्होंने अरोड़ा को मंच से नीचे जाने के लिए क्यों कह दिया. उन्होंने कहा कि यह निर्णय मर्यादा के उल्लंघन के कारण लिया गया था. उन्होंने अभिनव अरोड़ा के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कि उसका स्वभाव है कि वह संतों के पास जाकर नाचता-कूदता है. हरकतें करता है. श्रीरामभद्राचार्य महाराज ने इसे गलत बताया है.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि, “मेरी कथा गंभीर विषय पर चल रही थी. अभिनव का स्वभाव है कि वह संतों के पास जाकर नाचना-कूदना करता है. हरकत, चंचलता करता है. इसीलिए मुझे उसे उतारना पड़ा. यह मेरी मर्यादा का सवाल है, लेकिन मैं उससे कोई द्वेष नहीं रखता.”
अभिनव को धमकियां मिलने की घटना पर भी श्रीरामभद्राचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “वो जाने, दूसरे लोग जानें, हम नहीं जानते.” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अधिकतर बच्चे या किशोर जब राम कथा या भागवत कथा कहते हैं, तो यह ठीक नहीं है. इससे सनातन धर्म को नुकसान हो रहा है. इस बात पर उन्होंने अपनी चिंता जाहिर की.
योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए “बटोगे तो कटोगे” बयान का समर्थन करते हुए श्रीरामभद्राचार्य ने कहा, “यह सही कहा गया है. हिंदुओं को एक होना चाहिए.” कई राज्यों अल्पसंख्यकों की बढ़ती संख्या पर उन्होंने चिंता जाहिर की और उन्होंने कहा, “गलत है कि उन्हें विशेष लाभ दिए जा रहे हैं. हमें समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए.”
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 18:12 IST