सुल्तानपुर में सड़क हादसे में घायल पूर्व प्रधान के भाई जगदेव निषाद की इलाज के दौरान मौत का मामलापूर्व प्रधान ने इसौली के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू, भाई मोनू सहित समर्थकों पर लगाए गंभीर आरोप
सुल्तानपुर. यूपी के सुल्तानपुर की इसौली विधानसभा से पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आरोप है कि पूर्व प्रधान के भाई की दो दिनों पूर्व सड़क दुर्घटना करवा कर दोनों ने उसकी हत्या करवा दी. लिहाजा परिजनों ने सोनू व मोनू सहित उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा न दर्ज होने तक अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया और शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने पूर्व विधायक मोनू, उसके भाई सोनू और 6 अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है.
वहीं सोनू सिंह ने मामले में अपनी संलिप्तता को सिरे से खारिज कर विपक्षियों पर राजनीति के तहत फंसाने का आरोप लगा डाला. मामला पूर्व विधायक से जुड़ा है लिहाजा पुलिस भी अभी बोलने से कतरा रही है. फिलहाल सोशल मीडिया पर एक दुर्घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसे इसी मामले से जोड़कर बताया जा रहा है.
दरअसल, ये मामला है धनपतगंज थानाक्षेत्र के मायंग गांव का. इसी गांव के पूर्व प्रधान राम देव निषाद के बड़े भाई जगदेव निषाद दो दिनों पूर्व अपने मित्र विनय यादव के साथ शहर से वापस लौट रहे थे. रास्ते में गोसाईंगंज थानाक्षेत्र के महिलो आशापुर गांव के पास इनकी बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी. गंभीर रूप से घायल दोनों को अस्पताल लाया गया, जहां हालत गभीर देख इन्हे लखनऊ रेफर कर दिया गया था. शनिवार को जगदेव की मौत हो गई जबकि उसके साथी विनय की हालत गंभीर बनी हुई है. पोस्टमार्टम के बाद शनिवार शाम को जगदेव का शव घर पहुंचा तो पूर्व प्रधान रामदेव ने अपने भाई जगदेव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.
रामदेव का आरोप है कि भाई जगदेव के साथ हुई इस सड़क दुर्घटना में इसौली विधानसभा के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू, उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू, साथी सूर्य प्रकाश सिंह, सत्येंद्र सिंह मंजीत सिंह का हाथ है. रामदेव ने आरोप लगाया कि पहले वे पूर्व विधायक के यहां ही रहते थे. प्रधान बनने के बाद ये सभी उसे प्रधानी करने नहीं दे रहे थे और पैसों का गबन कर ले रहे थे. प्रधान ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी दी गई. इतना ही नहीं पूर्व विधायक और उनके करीबियों ने रामदेव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर अपने किसी खास को प्रधान बनवा लिया. प्रधान जितवाने के बाद ही इन लोगों ने धमकाया था और इसके बाद भाई के साथ ये दुर्घटना हो गई. लिहाजा उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्जकर कार्रवाई की मांग की है. पूर्व प्रधान ने साफ कहा कि जब तक उनकी तहरीर पर मुकदमा नहीं दर्ज हो जाता तब तक मृतक भाई का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
वहीं अंतिम संस्कार न करने की जानकारी लगते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. मौके पर कई थानों की पुलिस और क्षेत्राधिकारी पहुंच गए और पीड़ित परिजनों का समझाने का प्रयास करते रहे. आखिर में पुलिस ने पूर्व विधायक, उसके भाई और 6 अन्य के खिलाफ, हत्या, हत्या की साजिश और जानलेवा हमले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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FIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 10:31 IST