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Monday, July 8, 2024

सुधा मूर्ति अब राज्यसभा सांसद: मोदी ने लिखा- उनकी मौजूदगी नारी शक्ति का प्रमाण; उनके ₹10 हजार से इंफोसिस की शुरुआत हुई थी

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नई दिल्ली9 मिनट पहले

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यह फोटो राष्ट्रपति भवन का है। तब सुधा मूर्ति को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पीएम मोदी ने उनका अभिनंदन किया था। फोटो में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और गृह मंत्री अमित शाह भी दिख रहे हैं।

मशहूर लेखिका और समाज सेविका सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया है। सुधा मूर्ति मशहूर बिजनेसमैन और इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक उनके दामाद हैं।

PM नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (8 मार्च) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी दी। PM ने अपने पोस्ट में लिखा- भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। राज्यसभा में उनकी मौजूदगी नारी शक्ति का शक्तिशाली प्रमाण है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान प्रेरणादायक रहा है।

सुधा मूर्ति को 2006 में पद्म श्री और 2023 में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

सुधा मूर्ति को 2006 में पद्म श्री और 2023 में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित हो चुकी हैं मूर्ति
सुधा को कन्नड़ और अंग्रेजी साहित्य में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने विभिन्न शैलियों में 30 से अधिक किताबें लिखी हैं। उनकी किताबों का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। उनकी कुछ प्रसिद्ध किताबों में द मदर आई नेवर न्यू, थ्री थाउजेंड स्टिचेस, द मैन फ्रॉम द एग और मैजिक ऑफ द लॉस्ट टेम्पल शामिल हैं।

सुधा की कई किताबें उनके वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित हैं। सुधा लेखिका के अलावा एक टीचर और इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं। सुधा मूर्ति को सामाजिक कार्यों के लिए 2006 में पद्म श्री और 2023 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को कर्नाटक के हावेरी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता आरएच कुलकर्णी सर्जन थे। उनकी मां विमला कुलकर्णी स्कूल टीचर थीं। माता-पिता और नाना-नानी ने उनकी परवरिश की।

सुधा मूर्ति ने साल 1978 में नारायण मूर्ति से शादी की थी। इनके दो बच्चे- अक्षता मूर्ति और रोहन मूर्ति हैं। अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं। रोहन मूर्ति अमेरिका बेस्ड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फर्म सोरोको (Soroco) के फाउंडर हैं।

ये फोटो पोंगल का है। सुधा मूर्ति जमीन पर बैठकर आम गृहणियों की तरह पकवान बना रही हैं।

ये फोटो पोंगल का है। सुधा मूर्ति जमीन पर बैठकर आम गृहणियों की तरह पकवान बना रही हैं।

10 हजार दिए तब शुरू हुई इंफोसिस, आज मार्केट कैप 6,69,920.64 करोड़
इंफोसिस आज यह भारत की टॉप-10 वैल्यूएवल कंपनियों में शामिल है। टाटा ग्रुप की TCS के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है। इंफोसिस का मार्केट कैप 6 लाख 69 हजार 920.64 करोड़ रुपए है। इसका कारोबार अमेरिका, इंग्लैंड सहित कई देशों में हैं।

1981 में अपने नारायण मूर्ति ने 6 साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस की शुरुआत की थी। सुधा मूर्ति कई इंटरव्यू में बता चुकी है कि जब नारायण मूर्ति ने कंपनी शुरू करने का प्लान बनाया था, तब वे पत्नी सुधा मूर्ति के साथ एक कमरे के मकान में रहते थे।

कंपनी का नाम इंफोसिस तय हो चुका था, लेकिन पैसों की तंगी बनी हुई थी। नारायण मूर्ति ने अपना हिस्सा देने के लिए पत्नी से उस समय 10,000 रुपए उधार लिए थे।

तस्वीर में बाएं से दाएं- नारायण मूर्ति, सुधा मूर्ति, बेटी अक्षता और दामाद ऋषि सुनक।

तस्वीर में बाएं से दाएं- नारायण मूर्ति, सुधा मूर्ति, बेटी अक्षता और दामाद ऋषि सुनक।

इंजीनियरिंग के दौरान डिपार्टमेंट में इकलौती लड़की थीं सुधा
भास्कर को चार साल पहले दिए एक इंटरव्यू में सुधा मूर्ति ने बताया था कि उन्होंने कर्नाटक के बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (अब केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है) से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बैचलर्स किया है।

उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की। उन्हें तब कर्नाटक के तत्कालीन CM से गोल्ड मेडल मिला था। सुधा ने बताया था कि 1974 में पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान वे अपने डिपार्टमेंट में इकलौती लड़की थीं।

सुधा ने 30 से ज्यादा किताबें लिखीं
सुधा मूर्ति ने विभिन्न शैलियों में 30 से अधिक किताबें लिखी हैं। उनकी किताबें मुख्य रूप से कन्नड़ और अंग्रेजी में हैं, लेकिन उनका कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। उनकी कुछ प्रसिद्ध किताबों में द मदर आई नेवर न्यू, थ्री थाउजेंड स्टिचेस, द मैन फ्रॉम द एग और मैजिक ऑफ द लॉस्ट टेम्पल शामिल हैं। उनकी कई किताबें उनके वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित हैं।

भास्कर इंटरव्यू में कहा था- सफलता के लिए समय से आगे मत भागिए

मशहूर राइटर और समाजसेवी सुधा मूर्ति कहती हैं- हर दिन जब आप सुबह उठते हैं तो आपको सरप्राइज मिलते हैं, कभी अच्छे, तो कभी बुरे। जिंदगी इन्हीं सरप्राइजेस से मिलकर बनी है।

सुधा मूर्ति जिंदगी को एनालॉग वर्ल्ड मानती हैं। उनके मुताबिक, प्रकृति ने हमें एक गति दी है और वो गति धीमी है। इससे तेज मत भागिए बल्कि तालमेल मिलाकर चलिए। सफलता तुरंत नहीं मिलती है। आज हम भले डिजिटल दौर में हैं, लेकिन जिंदगी कोई डिजिटल वर्ल्ड नहीं बल्कि एनालॉग वर्ल्ड है; धैर्य का होना एक तोहफा है, उसे अपनाइए। पढ़िए भास्कर से खास बातचीत…

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नारायण मूर्ति ने कहा- 3 शिफ्ट में काम करें भारतीय:सुबह 11 से शाम 5 की शिफ्ट से नहीं होगा विकास

भारतीय युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह देने के बाद इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने कहा है कि सरकार को प्रायोरिटी बेसिस पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को निपटाना चाहिए और इसके लिए इंडस्ट्री में लोगों को 3 शिफ्ट में काम करने की जरूरत है। पूरी खबर पढ़ें…

नारायण मूर्ति हफ्ते में 80-90 घंटे करते हैं काम: पत्नी सुधा मूर्ति ने कहा- वे असली हार्ड वर्क में भरोसा करते हैं

इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और ऑथर सुधा मूर्ति ने कहा है कि उनके पति नारायण मूर्ति सप्ताह में 80 से 90 घंटे काम करते हैं। सुधा ने कहा, इससे कम उन्होंने कभी काम किया ही नहीं, वे असली हार्ड वर्क करने में भरोसा रखते हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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