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Monday, September 30, 2024

कश्मीर को लेकर पाकिस्तानी-चीनी भाई-भाई, भारत के खिलाफ दोनों ने ही उगला जहर 

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पाकिस्तान के साथ अब चीन भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। दोनों ही देशों ने शनिवार को दक्षिण एशिया में कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया है। चीन की यात्रा पर पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर की स्थिति से चीनी नेतृत्व को अवगत कराया। दोनों देशों ने अपनी सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय को लेकर भी चर्चा की।

शरीफ की चार दिवसीय चीन यात्रा संपन्न हो गई है। मार्च में दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी यह पहली चीन यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान शरीफ का ध्यान चीनी निवेश और सहायता को बढ़ाने पर था, क्योंकि उनका देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

यात्रा के अंत में एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। इसमें कहा गया, ‘‘दोनों पक्ष दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व, सभी लंबित विवादों के समाधान की आवश्यकता तथा किसी भी एकतरफा कार्रवाई के विरोध को रेखांकित करते हैं।’’

इसमें कहा गया, ‘‘पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रमों से अवगत कराया। चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर विवाद इतिहास से उपजा है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए।’’

भारत पहले भी चीन और पाकिस्तान के ऐसे संयुक्त बयानों को खारिज करता रहा है।

चेन का बधाई संदेश, भारत ने पढ़ाया पाठ

आपको बता दें कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए चीन ने भी बधाई संदेश भेजा है। जवाब में भारत ने ड्रैगन को एलएसी पर तनाव और हिंसक घटनाओं को याद दिलाते हुए शांति का पाठ पढ़ाया। भारत ने कहा कि हमे पारस्परिक सम्मान, आपसी हित और पारस्परिक भावना के आधार पर दोनों देशों को सामान्य बनाने का प्रयास जारी रखना चाहिए।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री मोदी के लिए पोस्ट किए गए बधाई संदेश का जवाब दिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देने के लिए धन्यवाद चीनी विदेश मंत्रालय। पारस्परिक सम्मान, आपसी हित और पारस्परिक भावना के आधार पर भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगे।”



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