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Kanchanjunga express train accident: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार सुबह एक मालगाड़ी की टक्कर लगने के कारण सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में कम से कम 15 यात्री मारे गए हैं और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में मालगाड़ी का पायलट और सह-पायलट भी शामिल है। हादसा इतना भयावह था कि मरने वालों की संख्या में अभी इजाफा हो सकता है। कई यात्री अभी भी डिब्बों में अंदर फंसे हैं। जिन्हें निकालने के लिए राहत-बचाव टीम युद्ध स्तर पर जुटी है। हादसे पर एक यात्री ने कहा कि मंजर बेहद खतरनाक था। मैंने ट्रैक पर शव पड़े हुए देखे। मौत छूकर निकली। हमें बचाने सबसे पहले स्थानीय लोग पहुंचे थे।
कंचनजंघा रेल हादसे के बाद राज्य और केंद्रीय एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं। विभिन्न एजेंसियां स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में युद्धस्तर पर लगी हैं। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया जा रहा है। ऐसा पता चला है कि एक्सप्रेस ट्रेन के आखिरी तीन डिब्बे – जो अगरतला से कोलकाता जा रहे थे – पटरी से उतर गए। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, हादसे के कारणों की जांच की जा रही है लेकिन, मालगाड़ी के पायलट का सिग्नल तोड़ना इसकी प्राथमिक वजह है। दुख की बात यह है कि मालगाड़ी का पायलट और लोको पायलट की मौत हो चुकी है।
यात्रियों ने कहा- छूकर निकली मौत
कंचनजंगा एक्सप्रेस के एक यात्री ने रेल हादसे की भयावहता को याद करते हुए कहा, “मैं कंचनजंगा एक्सप्रेस के बी1 कोच में यात्रा कर रहा था जब ट्रेन की चपेट में आ गया। मुझे बचा लिया गया है, मेरे सिर में चोट आई है।” एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने टक्कर के बाद ट्रैक पर दो शव देखे। कहा, “मैंने ट्रैक पर दो शव देखे। स्थानीय लोग सबसे पहले दुर्घटनास्थल पर पहुंचे थे।”
मुआवजे की घोषणा
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कई अन्य राजनेताओं ने इस दुखद घटना पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है। वहीं, रेल मंत्रालय ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर चोटों के लिए 2.5 लाख रुपये और मामूली चोटों के लिए 50,000 रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है।