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Sanjay Singh Bail: ED यानी प्रवर्तन निदेशालय के वकीलों की सूची में भारतीय जनता पार्टी नेता बांसुरी स्वराज का नाम आने से नया विवाद खड़ा होता नजर आ रहा है। हालांकि, केंद्रीय जांच एजेंसी के वकीलों ने अदालत में साफ कर दिया है कि स्वराज का नाम गलती से लिस्ट में शामिल हो गया था। खास बात है कि स्वराज लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी भी हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज की तरफ से एक डॉक्युमेंट जारी किया गया है। इसके अनुसार, स्वराज का नाम वकीलों की सूची में नजर आ रहा है। उनके साथ एएसजी सूर्यप्रकाश वी राजू, एओआर मुकेश कुमार मरोरिया, एडवोकेट जोहेब हुसैन, अन्नम वेंकटेश, कनु अग्रवाल और अरकज कुमार का नाम शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी के वकील हुसैन ने शीर्ष न्यायालय को बताया है कि अनजाने में गलती हुई थी और उनका नाम शामिल हो गया था। आप नेता भारद्वाज ने लिखा, ‘संजय सिंह जी के मामले में ED की तरफ़ से वकीलों में भाजपा की प्रत्याशी और इनकी प्रवक्ता बांसुरी स्वराज का नाम है। मैंने कल ही कहा था भाजपा और ED एक ही बात है।’
संजय सिंह को जमानत मिली
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आप के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को राहत देते हुए मंगलवार को जमानत दे दी। इससे पहले ईडी ने कहा था कि अगर सिंह को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। राज्यसभा सदस्य को जमानत मिलने से आप को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान थोड़ी राहत मिली है, जिसके राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत शीर्ष नेता मामले के सिलसिले में जेल में हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पी बी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद सिंह को रिहा करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि उनके पास से कोई पैसा नहीं मिला। पीठ ने कहा कि आप नेता अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं लेकिन इस मामले के संबंध में कोई बयान नहीं दे सकते। पीठ ने कहा कि सिंह पूरे मुकदमे के दौरान जमानत पर बाहर रहेंगे और उनकी जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी।