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असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद वारिस पंजाब दे प्रमुख और खडूर साहिब से चुनाव जीतकर सांसद बने अमृतपाल सिंह के माता-पिता शनिवार को उससे मिलने पहुंचे। अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर 5 जून से यहां पर है। उसके साथ वकील राजदेव सिंह खालसा भी हैं। वह अमृतपाल की रिहाई के लिए सभी आवश्यक कानूनी कदम उठा रहे हैं। अमृतपाल की मां बलविंदर कौर जेल में कर्मचारियों को मिठाई बांटती नजर आईं। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे के लिए नए कपड़े और जूते लेकर आई हैं। शपथ लेने के दौरान उसे इनकी जरूरत होगी। कौर ने कहा कि मैं लोगों को अमृतपाल को भारी बहुमत से चुनाव जिताने के लिए धन्यवाद करती हूं। वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे। सरकार को उन्हें रिहा करना होगा क्योंकि लोगों ने उन्हें इतना बड़ा जनादेश दिया है।
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि हमारा बेटा चुनाव जीत गया है। हम उससे मिलने आए हैं ताकि उसे भी खुशी हो कि लोगों ने उसे प्यार किया और भारी मतों से विजयी बनाया। उन्होंने कहा कि वे उनसे चुनाव जीतने पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछेंगे और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए उनका क्या संदेश होगा। इसके बारे में भी चर्चा करेंगे।
वकील बोले- रिहाई के प्रयास किए तेज
अमृतपाल सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा ने दावा किया कि सिख समुदाय ने उन्हें इसलिए वोट दिया क्योंकि उन्होंने अमृतपाल में वह लीडरशिप के गुण देखे हैं। खालसा ने आरोप लगाया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने उनके खिलाफ साजिश रची है और अपने राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें झूठे आरोपों में जेल में डाल दिया है। वकील ने दावा किया कि अमृतपाल की गिरफ्तारी असंवैधानिक और गैरकानूनी थी। उनकी रिहाई के प्रयास तेज कर दिए गए हैं और वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे।
अमृतपाल ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत
पंजाब की खडूर साहिब सीट से अमृतपाल ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की है। अमृतपाल को कुल 4,04,430 वोट मिले, जबकि जीरा को 2,07,310 और भुल्लर को 1,94,836 वोट मिले हैं। लोकसभा चुनाव में पंजाब में यह सबसे बड़ी जीत है।