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1943 में ताराचंद बड़जात्या ने पहली पैन इंडिया फिल्म चंद्रलेखा बनाई थी. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े और 2017 तक बाहुबली 2 के आने तक रिकॉर्ड कायम रखा.
फोटो साभार: IMDb
हाइलाइट्स
- 1943 में ताराचंद बड़जात्या ने बनाई पहली पैन इंडिया फिल्म चंद्रलेखा.
- चंद्रलेखा ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े, 2017 तक बाहुबली 2 ने तोड़ा.
- चंद्रलेखा को हिंदी में डब कर पूरे भारत में रिलीज किया गया.
आज के समय में पैन इंडिया फिल्मों की डिमांड बढ़ी है. बाहुबली, केजीएफ, पुष्पा और आरआरआर के बाद कई साउथ की फिल्में बड़े पैमाने पर रिलीज हुई. हिंदी सिनेमा ने भी बड़े स्केल पर फिल्मों का प्रचार प्रसार फैलाया है. आजकल आप मोहनलाल की L2: एम्पुरान और सलमान खान की सिकंदर का खूब जोरों-शोरों से नाम सुन रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं देश की पहली पैन इंडिया फिल्म कौन सी थी जिसने बॉक्स ऑफिस पुष्पा 2 जैसी सुनामी मचा दी थी.
जी हां, फर्स्ट पैन इंडिया फिल्म आई थी 1943 में जिसे हिंदी सिनेम के डायरेक्टर ने बनाया था. ये कोई और नहीं बल्कि राजश्री प्रोडक्शन के कर्ता-धर्ता और सूरज बड़जात्या के दादा ताराचंद बड़जात्या ने बनाई थी. ताराचंद बड़जात्या तब फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर हुआ करते थए. तब उन्होंने राजश्री प्रोडक्शन की स्थापना नहीं की थी. तब वह जेमिनी पिक्चर्स के एसएस वासन से मिले और दोनों ने एक तगड़ी फिल्म की प्लानिंग की.
चंद्रलेखा फिल्म: बॉक्स ऑफिस और रिकॉर्ड


फोटो साभार: IMDb
एसएस वासन तमिल सिनेमा के सबसे बड़े फिल्ममेकर्स में से एक थे. तब वह एक पीरियड ड्रामा चंद्रलेखा बनाने की तैयारी कर रहे थे. तब बड़जात्या ने ही वासन को फिल्म को हिंदी में भी बनाने के लिए मनाया था. कुछ समय पहले ताराचंद के पोते सूरज बड़जात्या ने इस किस्से के बारे में बात की थी.
सूरज बड़जात्या ने खुद बताया
मिड-डे के मुताबिक, सूरज बड़जात्या ने बताया था, ‘चंद्रलेखा के मेकर्स ने फिल्म को डब किया. बल्कि कुछ फिल्म के सीन्स को दोबारा शूट भी किया ताकी लिप मूवमेंट मैच हो सके. फिर पूरा डब वर्जन तैयार हुआ और रिलीज के लिए रेडी था. तब वासन ने मेरे दादा से कारोबार के बारे में बात करने के लिए बुलाया था.’
सूरज बड़जात्या के दादा ने बनाई थी पहली पैन इंडिया फिल्म


फोटो साभार: IMDb
सूरज बड़जात्या ने बताया कि वासन ने उनके दादा ताराचंद बड़जात्या को फिल्म के ऑल-इंडिया डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स दे दिए. इस तरह तमिल फिल्म पहली बार समूचे भारत में रिलीज हुई. पहले चंद्रलेखा फिल्म साल 1948 में पूरी तरह से बनकर रिलीज हुई. शुरुआत में इसे दो भाषा में रिलीज किया गया और फिर कई भाषाओं में भी डब करके रिलीज किया गया. इस तरह ये पहली पैन इंडियन फिल्म बन गई थी.
पुष्पा जैसी सुनामी
सूरज बड़जात्या ने फिल्म के क्रेज की बात करते हुए इसकी तुलना बाहुबली और पुष्पा से कर दी. उन्होंने कहा, ‘चंद्रलेखा उस समय की बाहुबली थी. ये आज की पुष्पा से भी बड़ी फिल्म साबित हुई थी. इसी तरह का बिजनेस भी फिल्म ने किया था.’
साल 2017 तक नहीं टूटा था रिकॉर्ड
मालूम हो, चंद्रलेखा फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ऑल टाइम रिकॉर्ड तोड़े थे. फिल्म का बजट तब सिर्फ 30 लाख रुपये था. इसी के साथ ये तब की सबसे महंगी तमिल फिल्मों में से एक थी. फिर जब ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई तो मानो सैलाब आ गया. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के मुताबिक, चंद्रलेखा ने केवल हिंदी में ही 1.55 करोड़ का बिजनेस कर लिया था. इसने किस्मत फिल्म (अशोक कुमार फिल्म, जो पहली ब्लॉकबस्टर है) को भी पछाड़ दिया था. तमिल में तो जो बिजनेस किया सो किया लेकिन पैन इंडिया के रूप में इसने सालों तक रिकॉर्ड अपने नाम रखा जब तक 2017 में बाहुबली 2 नहीं आई थी.