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Tuesday, July 15, 2025

32 फिल्म-48 TV शोज के बाद बदला मिजाज, छोड़ी एक्टिंग, क्रैक किया UPSC बन गईं IAS अफसर

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नई दिल्ली. सिनेमा का चमकती दुनिया में आकर छा जाना हर किसी का सपना होता है. इस सपने को कोई हकीकत में बदल पाता है और कोई अपने ही सपने में गुम हो जाता है. इंडस्ट्री के ऐसे कई सितारे हैं, जिन्होंने अपने दम पर पहचान बनाई और सुपरस्टार कहलाए. एक बार जब नाम, पैसा, शौहरत, लैविश लाइफ सब मिल जाता है तो उसे छोड़ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. लेकिन क्या आप उस एक्टर के बारे में जाते हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी में तब सिनेमा छोड़ने का फैसला किया, जब उन्हें यहां सबकुछ मिल गया था.

तस्वीर में दिख रही ये बच्ची ने अपनी क्यूटनेस ने हर किसी का ध्यान खींचा, लेकिन एक ही झटके में इन्होंने फिल्मी दुनिया से मुंह फेर लिया. बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ये एक्ट्रेस फिल्मों में आईं. टीवी पर भी धमाल मचाया लेकिन फिर सब कुछ छोड़कर लोगों को हैरान कर दिया.

लाइमलाइट छोड़ लिया बड़ा फैसला
ये एक्ट्रेस और कोई नहीं एचएस कीर्तन हैं. डीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एचएस कीर्तन ने अपने रास्ते में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना किया और फिल्मों और टीवी शो में बाल कलाकार बनने से लेकर आईएएस अधिकारी बनने तक का सफर तय किया. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. एचएस कीर्तन ने लाइमलाइट को छोड़ हजारों की भीड़ में ये शामिल होने का फैसला किया और सफल हुईं.

इन फिल्मों में किया काम
फिल्मों में अपनी जगह पक्की कर एक झटके में इसे ठोकर मारने वाली एक्ट्रेस का नाम एचएस कीर्तन है. बाल कलाकार के रूप में खुद को स्थापति करने के बाद उन्होंने कई फिल्मों और टेलीविजन शो में काम किया है. उन्होंने 4 साल की उम्र में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत कर दी थीं. उन्होंने कर्पूरदा गोम्बे’, ‘गंगा-यमुना’, ‘मुदिना आलिया’, ‘उपेंद्र’, ‘ए’, ‘कनूर हेग्गादती’, ‘सर्कल इंस्पेक्टर’, ‘ओ मल्लिगे’, ‘लेडी कमिश्नर’, ‘हब्बा’, ‘डोर’, ‘सिम्हाद्री’, ‘जननी’, ‘चिगुरू’ और ‘पुटानी एजेंट’ जैसी कई फिल्मों और टीवी शोज में काम किया, जिसमें 32 फिल्में, 48 टीवी शोज का नाम शामिल है.

एचएस कीर्तन ने कठिन मेहनत के बाद सपना पूरा किया. फाइल फोटो.

आसान नहीं था सफर
एचएस कीर्तन का ये सफर आसान नहीं था. उन्होंने पहली बार साल 2011 में कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (KAS) परीक्षा दी और सफलतापूर्वक KAS अधिकारी बनीं. हालांकि, उनका अंतिम सपना UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करना था.

6 बार दी UPSC की परीक्षा
साल 2013 में उन्होंने पहली बार UPSC CSE के लिए कोशिश की, लेकिन हाई रैंक हासिल नहीं कर सकीं. बिना रुके, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अगले सात सालों में छह बार परीक्षा दी..आखिरकार साल 2020 में उन्होंने UPSC CSE पास किया और अखिल भारतीय रैंक (AIR) 167 हासिल की, जिससे IAS अधिकारी बनने का उनका लंबे समय से सपना पूरा हुआ.



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