शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा
नई दिल्ली:
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की तरफ से वकील प्रशांत पाटिल ने बयान दिया है. शिकायतकर्ता ने वर्ष 2022 में मेरे क्लायंट राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी के खिलाफ एक क्रिमिनल शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत की पुलिस द्वारा वर्ष 2022 में उचित कानूनी प्रक्रिया के साथ गहनता से जांच की गई. इन्वेस्टिगेशन के बाद यह पता चला कि शिकायतकर्ता को वास्तव में भुगतान के वैध माध्यमों से 90 लाख रुपये की पूरी कथित राशि प्राप्त हुई थी. मेरे मुवक्किलों ने ईमानदारी से ये दस्तावेज पुलिस विभाग को सौंप दिए. मामले की सच्चाई जानने के बाद पुलिस ने मेरे मुवक्किलों को न्याय दिलाया. इस पूछताछ के बाद शिकायतकर्ता ने माननीय न्यायालय के समक्ष सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत एक निजी शिकायत दर्ज करने का विकल्प चुना.
लगभग 2 साल बीत जाने के बाद माननीय न्यायालय ने पुलिस को मामले की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है. हमें जांच की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर पूरा भरोसा है. सत्य की जीत होगी. मेरे मुवक्किलों ने कोई अपराध नहीं किया है और यह मेरे मुवक्किलों के पास मौजूद दस्तावेजों के माध्यम से साबित किया गया है. शिकायतकर्ता और मेरे क्लायंट के बीच चालान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उक्त अनुबंध में एक मध्यस्थता खंड है.
यदि शिकायतकर्ता को कथित “ब्याज राशि” के बारे में कोई शिकायत है तो मध्यस्थता की धारा निश्चित रूप से लागू की जा सकती है. हालांकि कमर्शियल विवादों को निपटाने के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के कार्य को माननीय सर्वोच्च न्यायालय और हमारे देश के विभिन्न माननीय उच्च न्यायालयों के कई निर्णयों द्वारा निंदा की गई है. मेरे मुवक्किल इस लड़ाई को कानूनी रूप से लड़ेंगे और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे. मेरे मुवक्किल कार्यवाही के सही चरण में दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही के लिए शिकायतकर्ता पर मुकदमा करने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं.