शेख हसीना के बारे में एक रोचक तथ्य ये है कि उनका जन्म भारत की आजादी के ठीक 43 दिन बाद 28 सितंबर 1947 को ही हुआ था. ये अलग बात है कि बांग्लादेश, पूर्वी पाकिस्तान के तौर पर पाकिस्तान के साथ चला गया था. शेख हसीना के जन्म के 14 साल बाद उनके ही पिता की अगुवाई में हुए आंदोलन से पाकिस्तान से अलग हो कर बांग्लादेश बना था. उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान को इस कारण ‘बंगबंधु’ कहा जाता है. शेख मुजीब खुद एक साधारण परिवार में पैदा हुए थे. जबकि उनके बाद की पीढ़ी ने खूब तरक्की की. वे खुद देश के पहले राष्ट्रपति बने. भारत सरकार ने भी उन्हें प्रतिष्ठित गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा है. जबकि उनके भाई और नाती पोते भी देश के साथ विदेशों में भी ऊंचे ओहदों पर हैं. शेख हसीना की बहन शेख रेहाना की बेटी ट्यूलिप ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सांसद हैं.
किसान परिवार से थे शेख मुजीब
शेख मुजीब का जन्म 17 मार्च 1920 को बांग्लादेश के गोपालगंज, तुंगीपारा में हुआ था. उनके पिता का नाम शेख लुत्फुर रहमान था. परिवार खेती किसानी पर आश्रित था, लेकिन पिता ने शेख मुजीब में राजनीतिक चेतना का संचार किया था. बांग्लादेश का राष्ट्रपति बनने के बाद सेना के कुछ लोगों ने उनके घर में घुस कर कुल दस लोगों की हत्या कर दी. मारे जाने वालों में शेख की पत्नी फाजिलतुन्नेस मुजीब, बेटे शेख कमाल, शेख जमाल, भतीजे फजलुल हक मोनी शामिल थी. शेख हसीना और शेख रेहाना विदेश में थी. लिहाजा वे बच गईं.
पाकिस्तान सोच से उलट रहा परिवार
उस समय के तमाम कारणों से पूर्वी बंगाल पाकिस्तान के साथ पूर्वी पाकिस्तान बन कर चला गया. लेकिन शेख मुजीब उन लोगों में थे जो पाकिस्तान से ज्यादा खुद को बंगाली मानते थे. बांग्लादेश की पूरी लड़ाई ही इसी पहचान और भाषा के सवाल पर थी. इस लिहाज से ये परिवार सेक्यूलर और भारत की ओर झुका माना जाता है. इसी तरह की सोच शेख हसीना ने भी रखी. बांग्लादेश में उनके विरोध का एक कारण इसे भी कहा जाय तो गलत न होगा. बहरहाल, बात शेख परिवार के लोगों की थी तो सबसे पहले शेख मुजीब के भाई और हसीना के चाचा का जिक्र आता है. उनके चाचा मुस्तफाजुर रहमान बांग्लादेश के सेना प्रमुख रह चुके है.
बांग्लादेश के आर्मी चीफ से शेख हसीना की चचेरी बहन की शादी हुई है.
छात्र संघ राजनीति से शुरुआत
विश्वविद्यालय में छात्र संघ की राजनीति से शुरुआत करने वाली शेख हसीना की शादी वाजेद मिया से हुई. वे बांग्लादेश के चोटी के भौतिकशास्त्री थे. बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष भी रहे. हालांकि 67 साल की उम्र में 2009 में उनका निधन हो गया. इन लोगों का एक बेटा और एक बेटी है. बेटा साजिद वाजेद व्यापार के साथ राजनीति में सक्रिय हैं. जबकि बेटी सायमा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO)में दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय निदेशक हैं.
ये भी पढ़ें : तख्तापलट पर तख्तापटल… गिनते-गिनते आप भी थक जाएंगे, यहां सरकार नहीं चलती बस होता है खेल
बहन की बेटी ब्रिटेन की सांसद
बहन शेख रेहाना अपनी बहन के साथ ही रहती हैं और राजनीति में उनकी मदद करती है. उनकी बेटी ट्यूलिप ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सांसद हैं. यहां तक कि वर्तमान सेना प्रमुख जरनर वकार उल जमान भी शेख हसीना के रिश्तेदार हैं. उनकी शादी चाचा जनरल मुस्तफिजुर रहमान की बेटी कामालिका रहमान से हुई है. यानी वर्तमान सेना प्रमुख जमान उनकी बहन के पति, जीजा या फिर शेख हसीना उनकी बड़ी साली हुईं.
Tags: Bangladesh news, Sheikh hasina
FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 13:50 IST