शाहजहांपुर: पूरे देश में आज दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है और आज के दिन लोग भगवान राम की पूजा करते हैं. लेकिन शाहजहांपुर में दशहरे पर लोग भगवान राम के साथ-साथ रावण की भी पूजा करते हैं. यहां के खिरनी बाग रामलीला मैदान में लोग रावण के पुतले के पैरों पर प्रसाद चढ़ाते हैं, दान दक्षिणा चढाते हैं और फिर रावण के के पुतले के पैर छूकर उसका आशीर्वाद लेते हैं. परिवार के लोग खासतौर पर अपने छोटे बच्चों को रावण के पुतले के पास लाते हैं और बच्चे रावण के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं.
दरअसल यहां रावण की पूजा करने आने वाले लोगों का मानना है कि रावण महाज्ञानी और महा पराक्रमी था. लोगों का धार्मिक विश्वास है कि रावण के पैर छूने से उनके बच्चे महाज्ञानी और पराक्रमी बनेंगे. यही वजह है कि यहां लोग भगवान राम के साथ साथ रावण की भी पूजा करते हैं.
क्या है लोगों की मान्यता?
प्रोफेसर अमन शुक्ला का कहना है कि रावण महाज्ञानी था. रावण एक साथ 10 मनुष्यों और 10 दिशाओं के बारे में, एक साथ सोच सकता था. इसीलिए उसे दशानन भी कहा जाता है. रावण के अंत समय में भगवान श्री राम ने लक्ष्मण को भी ज्ञान प्राप्त करने के लिए रावण के पास भेजा था. इसी मान्यता को ध्यान में रखते हुए हम लोग भी यहां रावण की पूजा करने के लिए आते हैं. लोग अपने बच्चों को भी रावण की पूजा करने के लिए यहां लेकर आते हैं. ताकि उनके बच्चे ज्ञानी, बुद्धिशाली और बलशाली हों.
प्रकांड विद्वान था रावण
अपने बच्चों को साथ लेकर रावण की पूजा करने आई महिला प्रीति का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से रावण की पूजा करने के लिए यहां आती हैं. उनका मानना है कि रावण प्रकांड विद्वान था, महा ज्ञानी ब्राह्मण था. इसलिए रावण की पूजा करने से विद्या बुद्धि मिलती है, बच्चों की बुद्धि प्रखर होती है, बच्चे बलशाली होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 17:21 IST