नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम को पिछले कुछ महीनों में वो सब अनुभव करने का मिला जो इससे पहले दशकों में नहीं हुआ था. टीम इंडिया को श्रीलंका में 27 साल के बाद वनडे सीरीज में हार मिली. इससे फैंस उबरे ही थे कि न्यूजीलैंड ने भारत को पहली बार घर पर आकर टेस्ट सीरीज में हरा दिया. कप्तान रोहित शर्मा के ग्राफ में एकदम से ऐसा डाउन फॉल देखने को मिलेगा किसी ने सोचा नहीं था. एक कप्तान जो टी20 विश्व कप जीत कर आ रहा हो उस पर ऐसा दाग लगना हैरान करने वाला है. कहीं ऐसा तो नहीं कि हिटमैन आईसीसी ट्रॉफी जीतने के बाद अब संतुष्ट हो चुके हैं और बाकी हार जीत से फर्क नहीं पड़ रहा.
रोहित शर्मा ने इतने सालों तक जिस एक चीज का इंतजार किया वो उनको जून में मिल गया. बतौर खिलाड़ी को 2007 में वो आईसीसी ट्रॉफी जीत चुके थे लेकिन एक कप्तान के तौर पर वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना 2024 में पूरा हुआ. इस जीत के बाद से उनके खेल में गिरावट आई है और कप्तानी में भी वो पैनापन नजर नहीं आ रहा. हालिया टेस्ट सीरीज में भारत को बल्लेबाजी क्रम ने डुबाया जिसकी कमान खुद रोहित के ही हाथों में है. पारी की शुरुआत करते हुए वो टीम के लिए जीत की नींव नहीं रख पाए. बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों में उन्होंने निराश किया है.
कमेंट्री पैनल भी रोहित की कप्तानी से हैरान
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा की अप्रोच पर कमेंट्री पैनल में शामिल दिग्गजों ने सवाल उठाया. सुनील गावस्कर, अनिल कुंबले, सबा करीम को उनके कुछ फैसले अटपटे लगे. गावस्कर ने न्यूजीलैंड के लिए शुरुआती ओवर में फील्ड को खुला छोड़कर रन बनाने की खुल्ली छूट देने पर सवाल किया. उन्होंने कहा कि जब आपके पास रन कम हो तो फील्ड को खुला नहीं छोड़ते. रोहित शर्मा की ऐसी कप्तानी समझ से परे है.
बल्लेबाजी क्रम में बदलाव संभव था
अगर रोहित शर्मा ने कोच गौतम गंभीर से दूसरे टेस्ट मैच में बात की होती और बल्लेबाजी क्रम में सरफराज खान को उपर भेजा होता तो नतीजा बदल सकता था. अच्छी लय में 150 रन बनाने के बाद उनको ऊपरी क्रम में भेजा जा सकता था. भारतीय टीम ने पुणे टेस्ट में दूसरी पारी में अच्छी शुरुआत की थी लेकिन अचानक बल्लेबाजी क्रम ढह गया. अगर उन्होंने मारने की जगह रुकने का संदेश दिया होता तो बल्लेबाजी लंबे वक्त तक चल सकती थी.
खुद का बल्ला हो गया खामोश
आईसीसी टी20 विश्व कप जीतने से पहले रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में शतक लगाया था. उसके बाद से सिर्फ दो पारी में दहाई अंक तक पहुंचे हैं. बेंगलुरू में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 52 रन बनाए लेकिन इससे आंकड़ो पर असर नहीं पड़ने वाला. पिछली 8 पारी में से 6 में वो 10 रन से कम पर आउट हुए हैं. एक कप्तान जो ओपनिंग करता हो अगर वो एक अंक में आउट होकर लौटेगा तो टीम पर क्या असर डालेगा.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 17:33 IST