गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि भीषण बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए इलाकों की क्षतिपूर्ती तेजी से की जाए। जरूरतमंद परिवारों को नकदी और घरेलू सहायता देने में भी तेजी लाई जाए। सीएम के आदेश के बाद से प्रशासन गांव और शहरी दोनों इलाकों में जरूरतमंदों को दोनों तरह की सहायता पहुंचा रहे हैं। 3 सितंबर से लेकर अब तक 8 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी बांटी जा चुकी है। इससे करीब 1.70 लाख लोगों को सहायता पहुंचाई गई है।
फिलहाल 1160 टीमें सर्वे में जुटी हैं जो पता लगा रहे हैं कि बारिश और बाढ़ के कारण किनके पास घरेलू सामान और कपड़े जैसी बुनियादी चीजें भी नहीं बची हैं। अब तक पचास हजार से ज्यादा परिवारों को 20 करोड़ से ज्यादा की कीमत के कपड़े और घरेलू सामान मुहैया कराए गए हैं। राज्य सरकार उन लोगों की मदद कर रही है, जिनका रोजगार का एकमात्र साधन बर्बाद हो गया है। साथ ही बारिश और बाढ़ के कारण घरों का सामान नष्ट हो गया है। लोगों को सहायता पहुंचा रहे अधिकारी आलोक पांडे ने बताया कि 1120 टीमें वडोदरा,सूरत,जामनगर, द्वारका जैसे तमाम जिलों में काम पर लगी हुई हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान मरने वाले 22 लोगों के परिवारों को 88 लाख रुपए की सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। साथ ही मारे गए 2618 पशुओं के मालिकों को भी 1.78 करोड़ रुपए की मदद प्रदान की गई है। पानी और बाढ़ से प्रभावित हुए घरों का भी सर्वे हो रहा है। उनके नुकसान का आकलन करके उन्हें भी सहायता पहुंचाई जा रही है। इस तरह 46723 घरों और झोपड़ियों के खराब होने की स्थिति में उनके मालिकों को 3.67 करोड़ रुपए बांटे गए हैं।
राहत पहुंचाने वाले अधिकारी ने बताया कि कुल 48695 लोगों को इस दौरान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसमें 602 गर्भवती महिलाएं भी शामिल थी। इन्हें राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए 880 शैल्टर होम में सुरक्षित रखा गया था। बाढ़ प्रभावित स्थिति के दौरान 216 गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी भी हुई।