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Tuesday, October 1, 2024

गुजरात-राजस्थान नहीं… UP का ये शहर देसी घी के लिए मशहूर, घर-घर होती है तैयार, आर्मी को भी सप्लाई

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इटावा: देसी घी की महक और स्वाद ने हमेशा से लोगों को मंत्रमुग्ध किया है. लेकिन शुद्ध देसी घी की तलाश में भटकने के बावजूद इसे पाना मुश्किल होता है. उत्तर प्रदेश का इटावा जिला शुद्ध देसी घी के लिए खास पहचान रखता है. यहां हर घर में देसी घी तैयार होता है और इसे बड़े घी कारोबारियों को बेचा जाता है, जो इसे देशभर में सप्लाई करते हैं.

हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर में चर्बी वाले लड्डुओं का मामला सामने आया, जिससे देशभर में हड़कंप मच गया. धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले इस मुद्दे के बाद, लोगों का ध्यान शुद्धता की ओर गया. हालांकि, इटावा इस संदर्भ में अलग पहचान बनाए हुए है. यहां की शुद्धता पर कोई सवाल नहीं है, और इसने अपनी पहचान बनाए रखी है.

देसी घी का कारोबार: परंपरा से आधुनिकता की ओर
इटावा के किसान और पशुपालक लंबे समय से शुद्ध देसी घी का उत्पादन कर रहे हैं. यहां निर्मल देशी घी नामक ब्रांड को भारत सरकार द्वारा एगमार्क टैग दिया गया है, जो इसकी शुद्धता का प्रमाण है. इटावा के रामलीला रोड स्थित प्लांट में आधुनिक मशीनों के साथ पारंपरिक तरीकों से भी घी का उत्पादन किया जाता है. घी की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए फार्मासिस्ट और सहायक यहां नियुक्त हैं, जो कड़ी प्रक्रियाओं के तहत घी का परीक्षण करते हैं.

शुद्धता की गारंटी: चार घंटे की प्रक्रिया
निर्मल देसी घी के संचालक जितेंद्र कुमार जैन ने बताया कि घी की शुद्धता मापने के लिए करीब चार घंटे की प्रक्रिया अपनाई जाती है. उनका परिवार 1939 से इस कारोबार में है, और 1956 में उन्हें एगमार्क मिलने के बाद यह व्यवसाय और भी उन्नत हुआ. इटावा से देशभर में लाखों किलो शुद्ध देसी घी की सप्लाई की जाती है, जिसमें सेना के जवानों और अधिकारियों के लिए भी सप्लाई शामिल है.

इटावा का डेयरी व्यवसाय
इटावा की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है और यहां डेयरी व्यवसाय प्रमुख गतिविधि है. बढ़पुरा, जसवंतनगर, और सैफई विकास खंडों में डेयरी क्षेत्र में प्रचुर संभावनाएं हैं. हालांकि पशुपालकों द्वारा व्यावसायिक तरीके से पशुओं का रख-रखाव नहीं किया जाता, जिससे दूध उत्पादन की क्षमता समय के साथ घटती जाती है. बावजूद इसके, इटावा के किसान शुद्ध देशी घी तैयार कर देश के विभिन्न हिस्सों में आपूर्ति करते हैं, जिससे यह जिला देशभर में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. इटावा की पहचान आज भी शुद्ध देशी घी के लिए बनी हुई है, और यहां का घी देशभर में अपनी गुणवत्ता के लिए मशहूर है.



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