रविचंद्रन अश्विन टीम इंडिया का अहम हिस्सा हैं.टेस्ट टीम में अश्विन अक्सर खेलते हुए नजर आते हैं. अश्विन ने तमिलनाडु में हिन्दी विरोधी अभियान का विरोध किया.
नई दिल्ली. भारतीय टीम के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन मूल रूप तमिलनाडु के रहने वाले हैं. चेन्नई में जन्में अश्विन तमिल भाषा के साथ-साथ हिन्दी और अंग्रेजी बोल सकते हैं. उन्होंने दक्षिण भारत के लोगों को हिन्दी सिखने की वकालत की. चेन्नई सुपर किंग्स के कंटेंट हेड राधाकृष्णन के साथ अपनी हाल ही में जारी किताब, “आई हैव द स्ट्रीट्स: ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी” के बारे में बातचीत करते हुए स्थानीय राजनीतिक दलों द्वारा हिन्दी विरोधी अभियान चलाए जाने की आलोचना की.
अश्विन ने बातचीत के दौरान अन्य भाषाओं को सीखने की आवश्यकता पर जोर देने के लिए कुछ किस्से साझा किए. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने मूल राज्य से परे करियर बनाना चाहता है तो यह जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि भाषा सीखना दूसरों से स्वीकृति पाने और बातचीत में योगदान देने में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है. बता दें कि तमिलनाडु की पार्टी डीएमके राज्य में हिंदी विरोधी अभियान चलाया था. ‘हिंदी थेरियाडु पोडा’ नारा दिया गया, जिसका मतलब होता है कि मुझे हिंदी नहीं आती, दफा हो जाओ! अश्विन ने इस तरह की चीजों की आलोचना की.
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अश्विन ने हिंदी में बातचीत न कर पाने की अपनी चुनौतियों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि दो माइंडसेट हो सकते हैं. एक गैर-हिंदी भाषी ‘हिंदी थेरियाडु पोडा’ कहने में गर्व महसूस कर सकता है. या फिर या वह हिंदी में बुनियादी बातचीत सीख सकता है या हिंदी भाषी लोगों से ठीक से संवाद कर सकता है ताकि भाषा संबंधित बाधा से बच सके.
What a wonderful story this by @ashwinravi99!
The politicians in Tamil Nadu ask people to be proud of not knowing Hindi, but here Ashwin tells the world how doors become a wall incase you don’t know the language.
Instead of saying- “Hindi theriyathu poda” say, “I don’t know… pic.twitter.com/Ev6QyfiLk3
— Arun (@arunv2808) June 26, 2024