पाकिस्तान में इस वक्त सस्पेंस का दौर है। इमरान खान और नवाज शरीफ की पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। अभी इसी बात को लेकर सस्पेंस है कि कौन सी पार्टी संसद में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरेगी। इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं का इल्ज़ाम है कि नतीजों के ऐलान में जानबूझ कर देरी की जा रही है ताकि इमरान का विरोध करने वाले उम्मीदवारों को जीता हुआ घोषित कर सकें। दूसरी तरफ नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम ने कहा कि बहुत जल्द उनके पिता जीत का ऐलान करेंगे। मरियम का दावा है कि उनकी पार्टी संसद और पंजाब असेम्बली में सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है। सोशल मीडिया पर मरियम नवाज़ ने आरोप लगाया कि मीडिया पर कल रात से गलत धारणा फैलाई जा रही थी (कि इमरान की पार्टी जीत रही है), अलहमदुलिल्लाह (अल्लाह के शुक्र से) केन्द्र और पंजाब, दोनों जगह हमारी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है। दूसरी तरफ इमरान की पार्टी के नेता लतीफ खोसा ने दावा किया कि उनकी पार्टी बिना किसी से हाथ मिलाये सरकार बनाएगी और नवाज़ शरीफ को वापस (लंदन) जाना पड़ेगा। इसी पार्टी के एक दूसरे नेता बैरिस्टर गौहर अली खान ने दावा किया कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार 150 सीटों पर आगे चल रहे हैं और सरकार बनाने लायक आंकड़ा मिल जाएगा। 336 सीटों वाली संसद में बहुमत के लिए 169 सीटों की जरूरत होगी।
पाकिस्तान इलेक्शन कमिशन के आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त इमरान समर्थित उम्मीदवार सबसे आगे हैं, और नवाज शरीफ की पार्टी और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी दूसरे और तीसरे स्थान पर चल रही हैं। सिंध असेम्बली में बिलावल की पार्टी आगे है, जबकि पंजाब असेम्बली में इमरान और नवाज़ की पार्टियों के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा है। इमरान की पार्टी के नेताओं का आरोप है कि जिन चुनाव क्षेत्रों में उनके उम्मीदवार आगे चल रहे थे, वहां वे अब पिछड़ते हुए दिखाए जा रहे हैं। इमरान की पार्टी ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि रात के अंधेरे में नतीज़ों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी हुई, जो कि शर्मनाक है और ये सरकार जनादेश की चोरी है। पार्टी ने कहा कि नतीज़ों को उलटाने के लिए रिटर्निंग अफसरों का इस्तेमाल हो रहा है। पाकिस्तान में सबको मालूम है कि नतीजा क्या आएगा। पाकिस्तान में सब ये मानकर बैठे हैं कि इस बार नवाज़ शरीफ की पार्टी PML-N फौज की फेवरेट है, उसी को जिताया जाएगा। मियां साहब की पार्टी का फौज से अलायंस, इलेक्शन का एलान होने से पहले ही हो गया था।
अगर नेशनल असेंबली में PML-N को पूरा बहुमत मिला तो नवाज़ शरीफ वज़ीर-ए-आज़म बनेंगे। अगर सरकार बनाने के लिए भुट्टो से अलायंस करने की जरूरत पड़ी तो शहबाज़ शरीफ एक बार फिर पीएम बन जाएंगे। लेकिन पाकिस्तान में लोग एक और बात कह रहे हैं। वजीर-ए-आज़म कोई भी बने, हुकूमत फौज ही चलाएगी। नवाज़ शरीफ को पहले भी फौज ने बनाया था और फौज ने ही उन्हें हटाया था। उन्हें 12 साल तक मुल्क से बाहर रहना पड़ा। फिर फौज से दोस्ती हो गई तो केस भी वापस हो गए, पाकिस्तान लौट भी आए और चुनाव भी लड़ पाए। इमरान खान को भी फौज ने बनाया था लेकिन उन्होंने दो बड़ी गलतियां की। एक, वह फौज से टकरा गए। दूसरा, अमेरिका के बारे में बेसिरपैर की बयानबाजी की। नतीजा ये हुआ कि फौज ने उन्हें जेल में डलवा दिया और अब उनके बाहर निकलने की संभावना कम है। इमरान ने नवाज़ शरीफ को जेल में डाला था और अगर नवाज़ एक बार फिर पीएम बने तो वो इस बात का पक्का इंतज़ाम करेंगे कि इमरान खान बाक़ी ज़िंदगी जेल में काटें। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 08 फरवरी, 2024 का पूरा एपिसोड
Latest India News